कोलकाता , नवंबर 10 -- पश्चिम बंगाल के स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के तीन मामलों में सोमवार काे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के समक्ष आठवें और अंतिम गवाह का बयान दर्ज हो गया है जिससे राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के जल्द रिहा होने की उम्मीद जाग गयी है।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा ज़मानत प्राप्त श्री चटर्जी को तीनों मामलों में आठ गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद ही रिहा किया जा सकता है। आज इस मामले में अंतिम गवाह की अलीपुर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में गवाही पूरी हो गयी।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जुलाई 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया था और वह तीन साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं। अगर अदालत रिहाई का आदेश जारी करती है, तो इसे प्रेसीडेंसी जेल के अधिकारियों और फिर पूर्वी जादवपुर के उस निजी अस्पताल को भेजा जाएगा। मौजूदा समय में श्री चटर्जी जाधवपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं। प्रेसीडेंसी जेल में रिहाई आदेश जमा करने के बाद ही उनकी रिहाई होगी।
श्री चटर्जी को करोड़ों रुपये के एसएससी शिक्षक भर्ती घोटाले में कथित संलिप्तता के आरोप में जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के दिन ईडी ने उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से लगभग 20 करोड़ रुपये नकद जब्त किये थे और उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया था। एजेंसी ने 12 अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में ग्रुप-डी कर्मचारियों की नियुक्तियों से संबंधित कागजात भी बरामद किये थे। इस साल सितंबर में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। इसके बाद 18 अगस्त के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद उनकी रिहाई रोक दी गई थी। शीर्ष अदालत ने दो महीने में गवाहों का बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था।
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