चेन्नई , अक्टूबर 15 -- तमिलनाडु में विपक्ष के नेता एवं अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने बुधवार को तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) संस्थापक विजय की रैली में 41 लोगों की मौत के लिए प्रदेश की द्रमुक सरकार को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि घोर लापरवाही तथा उचित सुरक्षा के अभाव के कारण यह भयावह घटना हुई।

श्री पलानीस्वामी ने विधानसभा से बहिर्गमन के बाद राज्य सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि अन्नाद्रमुक ने नियम 56 के तहत करूर मुद्दा उठाया था, लेकिन मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन स्पष्ट या संतोषजनक स्पष्टीकरण देने में विफल रहे। उन्होंने कहा, "हमने करूर घटना पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। मुख्य विपक्ष को पहले अपना पक्ष रखने की अनुमति देने के बजाय विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को बोलने की अनुमति दी।"श्री पलानीस्वामी ने कहा, "हम अब भी सभापति का सम्मान करते हैं और उनकी बात सुनी। लेकिन उनके बयान में तथ्यों और जवाबदेही का अभाव था।" उन्होंने कहा कि अगर श्री स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार ने उचित पुलिस तैनाती और भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया होता, तो इस त्रासदी को रोका जा सकता था।

उन्होंने कहा कि पुलिस और खुफिया विभाग को भीड़ की संख्या का पता था। फिर भी उन्होंने वेलुचमिपुरम में जनसभा की अनुमति दी, जिसे पहले ही असुरक्षित माना जा चुका था।

उन्होंने कहा कि वही जगह जो पहले संकरी सड़कों का हवाला देकर अन्नाद्रमुक को देने से इनकार कर दिया गया था, बाद में टीवीके को दे दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जानबूझकर और लापरवाही भरा रवैया दर्शाता है।

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