रांची , नवम्बर 05 -- झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने आज हजारीबाग स्थित पैराडाइज रिसॉर्ट में पंचतत्व सेवा संगठन के वार्षिकोत्सव समारोह 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि परोपकार से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं है।

समाजसेवा जीवन का सर्वोच्च धर्म है और समाज के कमजोर तथा जरूरतमंद वर्ग की सहायता करना सच्चे मानवीय मूल्यों का परिचायक है।

श्री गंगवार ने कहा कि हर्ष का विषय है कि संस्था द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज कल्याण के क्षेत्र में कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने संस्था द्वारा आयोजित निःशुल्क चिकित्सा शिविरों तथा आर्थिक रूप से कमजोर एवं मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रयास समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

श्री गंगवार ने कहा कि भारत की संस्कृति और परंपरा सेवा, समर्पण एवं करुणा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीन और अमूल्य विरासत है, जो केवल उपचार की पद्धति नहीं, बल्कि संतुलित एवं स्वस्थ जीवन का समग्र दर्शन है।

श्री गंगवार ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को सशक्त बनाने हेतु कई ठोस कदम उठाए गए हैं। केंद्र में स्वतंत्र आयुष मंत्रालय की स्थापना, अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद की स्वीकार्यता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की यह विशेषता रही है कि यहाँ आधुनिकता और परंपरा एक-दूसरे साथ-साथ आगे बढ़ रहे हैं।

श्री गंगवार ने पंचतत्व सेवा संगठन के पदाधिकारियों, सदस्यों और सहयोगियों को शुभकामनाएँ देते हुए आशा व्यक्त की कि संस्था आगे भी समाज के कल्याण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाती रहेगी।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित