, Dec. 13 -- नयी दिल्ली, 13 दिसंबर वार्ता दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि वर्ष 2025 की शीत ऋतु के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पराली जलाने की एक भी घटना दर्ज न होना, दिल्ली सरकार की प्रदूषण नियंत्रण नीति की बड़ी और ठोस उपलब्धि है।

श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज बताया कि शीतकाल में वायु गुणवत्ता में गिरावट दिल्ली के लिए एक गंभीर चुनौती मानी जाती है। इसमें पराली जलाने की घटनाएं एक बड़ा कारण हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 'विंटर एक्शन प्लान' को सख्ती से लागू किया। इसके लिए विकास विभाग की कृषि इकाई ने पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर पराली और फसल अवशेष जलाने की रोकथाम के लिए ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2025 में दिल्ली में लगभग 7,000 एकड़ भूमि पर धान की खेती की गई थी। इसके बावजूद विभाग के निरंतर और सुव्यवस्थित प्रयासों के परिणामस्वरूप पूरे एनसीटी दिल्ली में पराली जलाने की शून्य घटनाएं दर्ज की गईं। यह उपलब्धि दर्शाती है कि सही नीति, प्रभावी क्रियान्वयन और किसानों की सहभागिता से प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि विकास विभाग ने पराली जलाने की रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर क्षेत्रीय निगरानी और जागरूकता अभियान चलाया। इसके तहत कुल 11 टीमों को तैनात किया गया, जिनमें कृषि प्रसार अधिकारी और प्रसार सहायक शामिल थे। ये टीमें उत्तरी, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम जिला के पांचों धान उत्पादक जिलों में 24x7 गश्त कर रही थीं। इन टीमों ने खेतों में निगरानी के साथ-साथ किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया।

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