अम्बिकापुर , अक्टूबर 08 -- छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर जिला कलेक्टर विलास भोसकर ने बुधवार को परसा कोल ब्लॉक खनन परियोजना से प्रभावित विस्थापितों के साथ बैठक कर उनकी 12 सूत्रीय मांगों पर विचार-विमर्श किया।

बैठक में ग्राम साल्ही, घाटबर्रा, फतेहपुर, हरिहरपुर, जनार्दनपुर एवं तारा के ग्रामीणों ने मुआवजा, रोजगार और पुनर्वास नीति के पालन को लेकर अपनी समस्याएं रखीं।

ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष प्रमुख मुद्दा उठाते हुए बताया कि समीपवर्ती पी.ई.के.बी. कोल ब्लॉक में भूमि का अधिग्रहण 23,82,923 रुपये प्रति एकड़ की दर से किया जा रहा है, जबकि परसा कोल ब्लॉक में उन्हें मात्र 12 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिला है। दोनों परियोजनाएं राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित हैं। लेकिन मुआवजा दरों में भारी असमानता है।

विस्थापितों ने मांग की कि दोनों परियोजनाओं में मुआवजा दर समान की जाए। इसके अलावा पुनर्वास नीति 2007 के अनुसार रोजगार या 10 लाख रुपये एकमुश्त राशि, 30,000 रुपये प्रति माह प्रारंभिक वेतन, वृद्धजन के लिए 2,000 रुपये मासिक पेंशन, वन अधिकार पत्र धारकों को समान लाभ और सीएसआर फंड से ग्राम विकास जैसी मांगें भी रखीं।

श्री भोसकर ने ग्रामीणों की सभी बातें ध्यानपूर्वक सुनने के बाद कहा कि प्रत्येक मांग का नियमानुसार परीक्षण किया जाएगा। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उदयपुर और खनन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों की मांगों के अनुरूप तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कलेक्टर ने विस्थापितों को आश्वासन दिया कि प्रशासन उनके हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सभी मांगों पर पारदर्शी एवं न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी। बैठक में अपर कलेक्टर रामसिंह ठाकुर, एसडीएम बनसिंह नेताम सहित खनन अधिकारी और परियोजना प्रबंधन के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित