ऋषिकेश जनपद पौड़ी , नवम्बर 23 -- उत्तराखंड में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन में रविवार को जापान की प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु योगमाता केको अइकावा, म.म. श्रद्धा माता, म.म. चेतना माता एवं पायलट बाबा आश्रम के प्रतिनिधि पहुँचे।

इस अवसर पर उन्होंने परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट की और उनके सान्निध्य में विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभागी बने।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने पायलट बाबा आश्रम की साधना, सेवा और समाज कल्याण की परम्परा की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे संस्थान युवा पीढ़ी को धर्म, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ''व्यक्ति की स्थिरता और सफलता उसकी जड़ों-आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों-से ही आती है। युवाओं को छोटे-छोटे सत्कर्म और नियमित आध्यात्मिक अभ्यास को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।''स्वामी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे सेवा, अनुशासन और आध्यात्मिक अभ्यास के माध्यम से समाज व राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दें।

योगमाता केको अइकावा ने परमार्थ निकेतन में मिले आध्यात्मिक अनुभव को अद्वितीय बताया और कहा कि धर्म, सेवा और नैतिक मूल्यों को अपनाना व्यक्तिगत विकास के साथ-साथ समाज के उत्थान के लिए भी अनिवार्य है।

म.म. श्रद्धा माता ने कहा कि सत्कर्म अपनाने से जीवन में स्वाभाविक रूप से आत्मविश्वास और संतुलन विकसित होता है। म.म. चेतना माता ने कहा कि भले ही आधुनिक समय तकनीक से भरा हो, पर व्यक्ति को अपनी जड़ों-धर्म, संस्कृति और मूल्यों-से जुड़ा रहना चाहिए। उन्होंने युवाओं को बाहरी सफलता के साथ-साथ आंतरिक शक्ति और आध्यात्मिक ज्ञान को विकसित करने का संदेश दिया।

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