धार , अक्टूबर 22 -- मध्यप्रदेश में धार जिले के सरदारपुर विकासखंड के ग्राम दसई और तलवाड़ा में बुधवार को परंपरागत गाय गोहरी पर्व श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। यह अनूठा पर्व मनौती पूरी होने पर श्रद्धालुओं द्वारा गायों के नीचे लेटकर मनाया जाता है।

सुबह पांच बजे से शुरू हुआ यह पर्व दोपहर करीब 12 बजे तक चलता रहा। इस दौरान 20 से अधिक मनौतीधारी लोग दर्जनों सजी-धजी गायों के नीचे उल्टे लेट गए, जिनके ऊपर से गायें गुजरीं। विशेष बात यह रही कि किसी व्यक्ति को खरोंच तक नहीं आई। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस अनुष्ठान से उनकी मन्नतें पूर्ण होती हैं।

पर्व की शुरुआत परंपरागत रूप से समाज के पटेल ओंकार भूरिया द्वारा की गई। उन्होंने मशाल लेकर गांव में जाकर प्रत्येक घर को आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण दिया। सुबह 10 बजे गायों को सड़क के एक ओर एकत्र किया गया, जहां उनकी तेल और सिंदूर से पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद परंपरा अनुसार एक जीवित मुर्गा छोड़ा गया। पहले जहां मुर्गे की बलि दी जाती थी, अब वह परंपरा समाप्त कर दी गई है।

इसके बाद गायों को हांक दिया गया और वे तेजी से सड़क पार करने लगीं। इस दौरान श्रद्धालु उल्टे लेटकर गायों को अपने ऊपर से निकलने देते रहे। व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ लोग डंडा लेकर गायों को इस तरह भगाते रहे कि किसी एक व्यक्ति पर एक साथ कई गायों का भार न पड़े।

गांव के श्रद्धालु रघुवंशी, पाटीदार और आदिवासी समाज इस पर्व में बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। ओंकार भूरिया ने बताया कि उनका परिवार कई पीढ़ियों से इस पूजा-अर्चना की परंपरा निभा रहा है। गाय गोहरी पर्व पर जमकर आतिशबाजी होती है और लोग दिवाली से अधिक उत्साह इसी दिन दिखाते हैं।

मन्नतधारी रामेश्वर ने बताया कि उनके बेटे की गंभीर बीमारी से मुक्ति के बाद उन्होंने मनौती उतारने के लिए यह अनुष्ठान किया। वहीं राहुल नामक युवक ने बताया कि उसने विवाह की इच्छा पूर्ण होने पर यह मनौती चुकाई है।

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