पटना, सितंबर 27 -- बिहार में पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने शनिवार को राज्य में बाढ़ की समस्या ,मदरसा शिक्षकों की मांगों और अपनी सुरक्षा को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ख़ान से मुलाक़ात की।

श्री यादव ने राजभवन में राज्यपाल श्री खान से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बिहार के मदरसा बोर्ड से संबद्ध विद्यालयों एवं उनके शिक्षकों की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि आज जब सरकार "सबका साथ, सबका विकास" के नारे के साथ शिक्षा के अधिकार को प्राथमिकता दे रही है, तब भी मदरसा बोर्ड के हजारों शिक्षक वर्षों से अपने वेतन, सेवा शर्तों, और बकाया भुगतान को लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। शिक्षकों की वेतन समस्या एवं सेवा शर्ते कई वर्षों से नियमित वेतन का भुगतान लंबित है, जिससे शिक्षक आर्थिक तंगी में जीने को मजबूर हैं।

सांसद ने कहा कि सीमांचल क्षेत्र (पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, कटिहार) एवं कोसी क्षेत्र (सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी) बिहार का वह इलाका है जहाँ जनसंख्या घनत्व अत्यधिक है, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर न्यूनतम हैं। यह इलाका हर वर्ष बाढ़, कटाव और आपदाओं से प्रभावित होता है जिससे यहाँ के लाखों लोग विस्थापित होते हैं। महिलाओं और बच्चों में कुपोषण एवं अशिक्षा का अनुपात राज्य में सबसे अधिक है। यहाँ की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर आधारित है। मक्का और मखाना का यह क्षेत्र राष्ट्रीय उत्पादन में सबसे बड़ा योगदान देता है लेकिन कृषि उत्पादों के लिए प्रसंस्करण इकाइयों, कोल्ड चेन, वेयरहाउस और मार्केट लिंकेज का अभाव है। परिणामस्वरूप किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता और युवा पलायन के लिए मजबूर है।

श्री यादव ने कहा कि एक महीना पहले उन्हें वाई प्लस की सुरक्षा सरकार के द्वारा दी गई थी, लेकिन उसे हटा लिया गया। उन्होंने कहा कि यह सब राजनीति के तहत सरकार द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार उनकी सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है।

सांसद ने बताया कि उन्होंने राज्यपाल को मदरसा शिक्षक, राघोपुर-कोसी-सीमांचल समेत अन्य बाढ़ ग्रस्त इलाके को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने, समेत अन्य प्रमुख मुद्दों पर ज्ञापन सौंपा है।

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