जयपुर , अक्टूबर 26 -- राजस्थान में स्कूली शिक्षा विभाग ने पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर के दुरुपयोग की खबर का संज्ञान लेते हुए इस मामले में लिप्त पांच शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलम्बित कर दिया है।

आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि विभाग ने उक्त मामले में प्रारंभिक जांच में दोषी पाए गए शीला बलाई (शिक्षिका स्तर-1-राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढ़ाणी, गंगावास, कल्याणपुर), सुरेश कुमार (प्रबोधक-राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागणेसियों की ढ़ाणी, गंगावास, कल्याणपुर), मंगलाराम (वरिष्ठ अध्यापक-राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर), पप्पाराम गोदारा (व्याख्याता-राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फाटा, बालोतरा) और राजेश मीणा (प्रधानाचार्य-मनमोरों की ढाणी) को सीसीए (1958) के नियम 13(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग ने उक्त मामले की जांच के लिए स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीन एक तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया है। यह उच्च स्तरीय जांच समिति दूध पाउडर के दुरुपयोग की खबर में उल्लेखित तथ्यों का सत्यापन करेगी, साक्ष्य एकत्र करेगी और चार दिनों में एक विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इस दौरान किसी अधिकारी या शिक्षक की संलिप्तता की पुष्टि होती है, तो राजस्थान सिविल सेवा (सीसीए) नियम, 1958 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

इसके साथ ही राज्य में विद्यालयों में मध्याह्न भोजन के लिए सामग्री के किसी भी दुरुपयोग की रोकथाम सुनिश्चित करने के लिये स्कूली शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों को तीन दिनों के भीतर सत्यापित कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही, सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ ) और शहरी क्लस्टर प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (यूसीईईओ) को अपने अधिकार क्षेत्र में किन्हीं दो स्कूलों का गहन निरीक्षण करके जिला शिक्षा अधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश भी जारी किए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि सभी स्कूलों में स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने के आदेश भी जारी किए गए हैं। भौतिक सत्यापन में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई भी की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के अंतर्गत प्री-प्राइमरी से लेकर कक्षा-आठ तक के छात्रों को उनके पोषण में सुधार के लिए गर्म दूध (स्किम्ड मिल्क पाउडर से तैयार) उपलब्ध कराया जाता है। राज्य में करीब 57 लाख स्कूली बच्चों को यह दूध दिया जा रहा है, जिसपर राज्य सरकार लगभग 722 करोड़ रुपये खर्च करती है।

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