गांधीनगर , अक्टूबर 18 -- गुजरात के मुख्यमंत्री ने सड़क एवं भवन विभाग को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 124 कार्यों के लिए 7737 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को बताया कि श्री पटेल ने राज्य के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को अधिक संगीन तथा सुविधायुक्त बनाकर ईज ऑफ ट्रांसपोर्टेशन से विकसित गुजरात द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का दृढ़ निश्चय किया है। इस उद्देश्य से सड़क एवं भवन विभाग को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत कुल 124 कार्यों के लिए 7737 करोड़ रुपये आवंटित करने का उन्होंने निर्णय लिया है।

उन्होंने विकास के लिए सड़कों और पुलों की महत्ता को ध्यान में लेते हुए सड़क एवं भवन विभाग को समग्र गुजरात को सुविधापूर्ण एवं सुरक्षित सड़क मार्गों की कनेक्टिविटी द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक सुदृढ़ सड़कों का नेटवर्क प्रदान करने के दिशा-निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य में भारी ट्रैफिक वाले सड़क मार्गों को गरवी गुजरात हाईस्पीड कॉरिडोर के रूप में विकसित कर अधिक सरल, सुरक्षित तथा तेज परिवहन के योग्य बनाने के लिए 809 किलोमीटर लंबे नौ गरवी गुजरात हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माणार्थ 5576 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। तद्नुसार बगोदरा-धंधुका-बरवाला-बोटाद के 92.23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 67.43 करोड़ रुपये, बोटाद-ढसा-चावंड-अमरेली-बगसरा- बिलखा-मेंदरडा के 67.30 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 158.6 करोड़ रुपये, मेंदरडा-केशोद-मांगरोळ के 48.55 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 81.38 करोड़ रुपये, उंझा-पाटण-शिहोरी-दियोदर-भाभर के 105.05 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 858.39 करोड़ रुपये, करजण-डभोई-बोडेली के 71.10 किलोमीट लंबे कॉरिडोर के लिए 331.16 करोड़ रुपये, दहेगाम-बायड-लुणावाडा-संतरामपुर- झालोद के 167.54 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 1514.41 करोड़ रुपये, अहमदाबाद-हरसोल-गांभोई-विजयनगर के 143.30 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 640.30 करोड़ रुपये, संतरामपुर-मोरवा हडफ-संत रोड के 49.90 लंबे कॉरिडोर के लिए 861.71 करोड़ रुपये तथा संत रोड-देवगढ बारिया-छोटा उदेपुर के 64.05 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के लिए 1062.82 करोड़ रुपये मंजूर किये गये हैं।

इन नये हाईस्पीड कॉरिडोर का निर्माण होने से परिवहन अधिक तेज बनेगा तथा पीएम गतिशक्ति अंतर्गत लॉजिस्टिक्स कार्यक्षमता में सुधार होगा और खर्च में उल्लेखनीय कमी आयेगी। हाईस्पीड कॉरिडोर के निर्माण से नया इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा तथा उसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास एवं व्यापार-उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। इतना ही नहीं, महत्वपूर्ण शहरों के साथ त्वरित कनेक्टिविटी मिलने से यात्रा सरल होगी और पर्यटन को भी वेग मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने राज्य के सड़क मार्गों को क्लाइमेट रेजीलिएंट तथा नयी टेक्नोलॉजी से युक्त बनाने के लिए 1147 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं। इससे 271 किलोमीटर लंबे सड़क मार्गों के 20 कार्य शुरू किये जायेंगे। इन क्लाइमेट रेजीलिएंट तथा नूतन टेक्नोलॉजी से परिपूर्ण सड़क मार्गों के निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक, व्हाइट टॉपिंग, जियो ग्रिड तथा ग्लास ग्रिड, सीमेंट/स्टेबिलाइजेशन, फ्लाइ-एश, ग्रीन टेकनोलॉजी जैसी नयी टेक्नोलॉजी के उपयोग से लंबी आयु वाली अधिक टिकाऊ एवं मजबूत, लाइफ-साइकिल कोस्ट बचत वाली और पर्यावरण के अनुरूप सड़कों का निर्माण होगा। इसके अलावा; उन्होंने राज्य के 803 किलोमीटर लंबे सड़क मार्गों की सतहों के सुधार के 79 कार्यों के लिए 986 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।

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