अहमदाबाद , अक्टूबर 15 -- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को अहमदाबाद में दो दिवसीय 'नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव' तथा 'मेयरल समिट' का शुभारंभ किया।

श्री पटेल ने इस अवसर पर कहा कि सार्वजनिक जीवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के 24 पूर्ण होने के अवसर पर राज्यभर में विकास सप्ताह मनाया जा रहा है। उन्होंने सबसे पहली बार राजनीति में 'विकास' शब्द को सक्रिय रूप से व्यापक बनाया है। देश के पहले उप प्रधानमंत्री तथा गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में केन्द्र सरकार तथा अहमदाबाद महानगर पालिका द्वारा इस कॉन्क्लेव एवं समिट का आयोजन किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह कॉन्क्लेव एवं समिट अहमदाबाद के लिए विशेष है, कारण कि आज समग्र देश प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती मना रहा है। ऐसे में इस कॉन्क्लेव में इस विषय पर चिंतन-मंथन किया जाएगा कि सरदार पटेल की शहरी विकास की तत्कालीन विचारधारा को आधुनिक विकास के साथ कैसे जोड़ा जाए। अहमदाबाद के विकास में सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान के ऐतिहासिक तथ्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार साहब ने 1924 से 1928 के दौरान तत्कालीन अहमदाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष के रूप में अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी की शुरुआत की थी। उन्होंने लगभग 100 वर्ष पहले अपनी प्रशासनिक कुशलता तथा सुव्यवस्थित अर्बन प्लानिंग द्वारा आदर्श शहर का निर्माण कर देश को सिटीजन-सेंट्रिक लोकल लोकल एडमिनिस्ट्रेशन का अनूठा मॉडल दिया था।

श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल से लेकर देश के प्रधानमंत्री के रूप में सरदार पटेल के इन्हीं विचारों से प्रेरित रहते हुए देश में शहरी विकास में परिवर्तन से नई क्रांति लाए हैं। उनके मार्गदर्शन में अहमदाबाद शहर ने वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के साथ-साथ वर्ल्ड क्लास सिटी की श्रेणी में भी गौरवपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।

उन्होंने आगे कहा कि अहमदाबाद का विश्व प्रसिद्ध साबरमती रिवरफ्रंट देश के अन्य शहरों के लिए अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन का आदर्श मॉडल बना है। इसके अतिरिक्त; श्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में देश में सबसे पहली बार 'शहरी विकास वर्ष' का जो कॉन्सेप्ट दिया, वह लोगों के 'ईज ऑफ लिविंग' को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध हुआ है। मुख्यमंत्री ने जोड़ा कि हम उन्हीं के विचारों से प्रेरणा लेकर 2025 को 'शहरी विकास वर्ष' के रूप में मना रहे हैं।

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