पटियाला , अक्टूबर 09 -- पंजाब आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा को पटियाला कोर्ट ने सनौर से उनके खिलाफ दर्ज बलात्कार के मामले में उनकी ज़मानत याचिका खारिज कर दी है। ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद, पठानमाजरा के पास अब उच्च न्यायालय जाने का विकल्प है।
सरकारी वकीलों ने न्यायालय को बताया कि विधायक लगभग एक महीने से फरार हैं और ज़मानत देने से चल रही जांच में बाधा आ सकती है। अदालत का विस्तृत आदेश अभी जारी नहीं हुआ है। पठानमाजरा के खिलाफ तीन सितंबर को पटियाला के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी। शिकायतकर्ता ने उन पर सरकारी नौकरियों और योजनाओं का वादा करके लाखों रुपये ऐंठने और तलाकशुदा होने का दावा करके धोखा देने का आरोप लगाया था। महिला के अनुसार, वह 2013 में फेसबुक पर पठानमाजरा से मिली थी, 2021 में एक गुरुद्वारे में उससे शादी की, लेकिन 2022 के चुनावी हलफनामे के दौरान उसे उसकी पहली पत्नी का नाम पता चला, जिससे मामला प्रकाश में आया। उसने शारीरिक शोषण, धमकी और अश्लील वीडियो बनाने का भी आरोप लगाया। शिकायत के तीन साल बाद, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 506 और 376 के तहत मामला दर्ज किया। एक विशेष रिपोर्ट पहले ही अदालत में पेश की जा चुकी है।
इससे पहले, पठानमाजरा ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार के खिलाफ बाढ़ प्रबंधन से संबंधित फेसबुक लाइव में दावा किया था। अपनी पार्टी के दबाव के बावजूद, उन्होंने अपना बयान वापस लेने से इनकार कर दिया और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर दिल्ली के नेताओं से प्रभावित होने का आरोप भी लगाया। इसके बाद, उनकी सुरक्षा वापस ले ली गयी और तीन साल पुराने बलात्कार के मामले में एफआईआर दर्ज की गयी।
हरियाणा के करनाल ज़िले के डाबरी गांव में पुलिस ने पठानमाजरा को गिरफ़्तार करने की कोशिश की, लेकिन उसके समर्थकों ने पुलिस पर गोलीबारी और पथराव किया। अफरा-तफरी के बीच, पठानमाजरा एक स्कॉर्पियो और एक फॉर्च्यूनर में सवार होकर भाग निकले। इस घटना में एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया। बाद में पुलिस ने समर्थक बलविंदर सिंह को गिरफ़्तार कर लिया, तीन पिस्तौलें बरामद कीं और करनाल सदर थाने में मामला दर्ज किया।
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