पटना , नवंबर 22 -- राजधानी पटना में ठंड बढ़ने के साथ शीतलहर की आशंका को देखते हुये जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने शनिवार को सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, भूमि सुधार उप- समाहर्ताओं और अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरकार की ओर से निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार समय रहते सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की जायें।
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा है कि दिसंबर- जनवरी के बीच पटना में ठंड सामान्यतः अपने चरम पर होती है और कई बार यह खतरनाक शीतलहर का रूप ले लेती है। ऐसे में गरीब, निःसहाय और बेघर व्यक्तियों पर इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता कमजोर वर्गों की सुरक्षा और राहत सुनिश्चित करना है।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि शीतलहर शुरू होते ही शहर और प्रखंड स्तर पर पर्याप्त संख्या में अलाव की व्यवस्था की जाये।
अलाव की व्यवस्था धर्मशाला, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रिक्शा और टमटम स्टैंड, प्रमुख चौराहे और रेलवे और बस स्टेशन पर अनिवार्य रूप से की जाये।
अनुमंडल स्तर पर सभी भूमि सुधार उप- समाहर्ताओं को अलाव व्यवस्था के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी दी गई है। अधिकारी स्वयं अलाव स्थलों का निरीक्षण करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि राहत का लाभ वास्तव में जरूरतमंदों को मिले।
साथ ही पटना नगर निगम को निर्देश दिया गया है कि शहर में रहने वाले रिक्शा चालकों, दैनिक मजदूरों, असहायों और बेघर लोगों के लिये रैन बसेरों की उचित व्यवस्था की जाये। जहां रैन बसेरे उपलब्ध नहीं हैं, वहां पॉलिथीन शीट, टेंट और तारपोलीन की मदद से अस्थायी शरण स्थलों की स्थापना की जायेगी।
इन सभी स्थलों पर पर्याप्त कंबल, आवश्यक सुविधायें और सुरक्षा मानक का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
इसके अलावा इन शरण स्थलों की जानकारी का व्यापक प्रचार- प्रसार किया जायेगा, जिससे जरूरतमंद लोग आसानी से इन सुविधाओं तक पहुंच सकें।
शीतलहर की स्थिति में सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग को कंबल वितरण की कार्रवाई तेज करने, पटना के सिविल सर्जन को बच्चों, महिलाओं, वृद्धों सहित सभी नागरिकों के लिये पर्याप्त स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शीतलहर के दौरान राहत कार्यों का दैनिक प्रतिवेदन जिला आपदा प्रबंधन शाखा को भेजा जाये। साथ ही, मौसम संबंधी सूचनायें मिलते ही तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित की जाये।
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