नयी दिल्ली , नवंबर 24 -- विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने भगवद गीता को धार्मिक सीमाओं से परे बताते हुए कहा है कि विदेश मंत्रालय 50 से भी अधिक देशों में कार्यक्रमों का आयोजन कर गीता का संदेश दुनिया भर में पहुंचाएगा।
विदेश मंत्री ने सोमवार को कुरुक्षेत्र में 0वें अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपने संबोधन में कहा कि यह पवित्र ग्रंथ धार्मिक सीमाओं से परे है और यह सही जीवन जीने, अंदरूनी ताकत और आध्यात्मिक स्पष्टता के लिए एक 'यूनिवर्सल गाइड' है। इसकी शिक्षाएँ लोगों के मन को रोशन करती रहती हैं और बदलती दुनिया में मार्गदर्शन तथा ज्ञान देती हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विदेश मंत्रालय इस महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय बनाने के लिए हरियाणा सरकार, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड, और साझीदार राज्य मध्य प्रदेश तथा दूसरे संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस प्रयास में प्रमुख संगठन के तौर पर मंत्रालय ने दुनिया भर में गीता के संदेश के प्रसार में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ मिलकर जाने-माने विदेशी विद्वानों की पहचान की है जो इस महोत्सव में हिस्सा लेंगे और अपने विचार साझा करेंगे। प्रदर्शनी के लिए भगवद गीता के 25 से ज़्यादा अनूदित संस्करण इकट्ठा किए गए हैं, जो अलग-अलग संस्कृति और भाषाओं तक इसकी पहुंच के बारे में बताते हैं। उन्होंने कहा कि मंत्रालय दुनिया भर में 50 से ज़्यादा मिशन मैं कार्यक्रम और प्रदर्शनियों का आयोजन कर रहा है जो गीता के 'यूनिवर्सल मैसेज' को पहुंचाएंगे।
उन्होंने कहा कि गीता की शिक्षाएँ मानवता का ज़्यादा शांतिपूर्ण, उद्देश्यपरक और ज्ञान की ओर मार्गदर्शन करती हैं।
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