उदयपुर , दिसम्बर 30 -- रोटरी क्लब मेवाड़ एवं गीतकार पं. विश्वेश्वर शर्मा चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर प्रदेश अलीगढ़ के विख्यात गीतकार डाॅ. विष्णु सक्सेना को इस वर्ष का गीत सम्मान प्रदान किया गया।
उदयपुर के टाउनहाॅल स्थित सुखाडिया रंगमंच पर सोमवार रात को आयोजित विराट कवि सम्मेलन में डा सक्सेना को यह सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान में उन्हें एक लाख रुपए की राशि प्रदान की गई।
कार्यक्रम में नगर निगम के पूर्व उप महापौर पारस सिंघवी, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अखिलेश जोशी, वंडर सीमेन्ट के राजेन्द्र बोरा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक एम जी व्यास, रीको उदयपुर के महाप्रबन्धक अजय पण्ड्या उपस्थित रहे।
कवि सम्मेलन में डाॅ. विष्णु सक्सेना ने गीत 'जो हाथ थाम लो वो फिर न छूटने पाये,प्यार की दौलतें कोई न लूटने पाये, जब भी छूलो बुलंदियां तो ध्यान ये रखना, जमीं से पांव का रिश्ता न टूटने पायें, कवयित्री दीपिका माही ने 'तुम्हारी बात में जादू, नयन वाचाल लगते हैं, तुम्हारे बिन मुझे सुख-चैन सब जंजाल लगते हैं, मैं अपने प्रेम को आकार देने में झिझकती हूँ, जरा सी बात कहने में हजारों साल लगते हैं...' पर तालियों बटोरीं।
कवि सुनील व्यास ने 'काश कोई ऐप ऐसा होता, जिसमें इंसानीयत लॉगिन करती, जहां ईमोजी की जगह, हंसती मुस्कुराती जिंदगी अपलोड होती'.... पर खूब तालियां मिलीं।
कवि सम्मेलन के सूत्रधार उदयपुर के अन्तरराष्ट्रीय कवि राव अजात शत्रु ने अरावली पर्वतमाला पर चले रहे विवाद के बीच अपनी रचना 'यह अरावली शीश मुकुट है पेश करके सभी का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया।
कवि सम्मेलन में पं. विश्वेश्वर शर्मा पर तैयार किया गया वृत्तचित्र दिखाया गया। जिसमें पं.शर्मा ने अपने जीवन में 140 बाॅलीवुड फिल्मों के लिये गाने लिखे। जिसमें सर्वाधिक प्रसिद्ध रहा चल सन्यासी गाना प्रमुख था।
प्रारम्भ में रोटरी क्लब मेवाड़ के अध्यक्ष मनीष गन्ना ने स्वागत उद्बोधन में बताया कि क्लब अपने सामाजिक सेवा कार्यो के साथ-साथ साहित्य क्षेत्र में भी सेवा कार्य कर रहा है। इसके अलावा क्लब ने महाराणा भूपाल सार्वजनिक अस्पताल के कुछ वार्डो को भी गोद ले रखा है।
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