बेंगलुरु , दिसंबर 08 -- कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को कहा कि तत्कालीन कलकत्ता में पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में पारित कांग्रेस के एक प्रस्ताव के दौरान वंदे मातरम के कुछ छंद हटा दिए गए थे।

श्री बोम्मई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, "तथ्य सीधा है। राष्ट्रगान में बदलाव एक निर्विवाद ऐतिहासिक घटना थी।" उन्होंने कहा, "कलकत्ता में पंडित नेहरू के कांग्रेस प्रस्ताव में वंदे मातरम के कुछ छंद हटा दिए गए थे। यह इतिहास है, राय नहीं।"भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पर सांस्कृतिक विश्वास पर समझौते को प्राथमिकता देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू के फैसले से नए स्वतंत्र राष्ट्र के भीतर गहरे और स्थायी मतभेद पैदा हुए।

उन्होंने कहा, "नेहरू ने भारत की सांस्कृतिक आत्मा के बजाय समझौता चुना और उस चुनाव ने दरारें पैदा कीं - न सिर्फ वंदे मातरम में, बल्कि खुद देश में भी।" श्री बोम्मई ने कहा कि दशकों पहले बोए गए ये विभाजन आज भी राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "वे विभाजन कभी ठीक नहीं हुए। आज की कांग्रेस सिर्फ इसके नतीजों के साथ जी रही है।"गौरतलब है कि मौजूदा समय में सांस्कृतिक प्रतीक, ऐतिहासिक बातें और राष्ट्रीय पहचान के सवाल राजनीतिक चर्चा के केंद्र में हैं और राजनीतिक गलियारों के दोनों तरफ से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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