मोरिंडा (रूपनगर) , अक्टूबर 23 -- पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने राज्य में शिक्षा क्रांति के एक नये युग की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह क्रांति विद्यार्थियों को भविष्य के प्रतिस्पर्धी माहौल के लिए तैयार कर रही है और उन्हें जीवन में नयी ऊंचाइयां छूने योग्य बना रही है। मुख्यमंत्री आज यहां शहीद सूबेदार मेवा सिंह स्कूल ऑफ एमिनेंस के विद्यार्थियों से मिलने पहुंचे। इस दौरान विद्यार्थियों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि एक ओर जहां युवाओं को रोजगार देने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाये गये हैं, वहीं दूसरी ओर युवाओं की असीम ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार युवाओं का भविष्य सुनहरा बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि हमारे युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने में सक्षम बन सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2022 में 'शिक्षा क्रांति' की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, " जब हम अतीत की ओर देखते हैं, तो दुख होता है कि किस तरह गलत नीतियों ने गरीब बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया था।
उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस स्थापित किये जा रहे हैं, जिन पर अब तक 231.74 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। इन स्कूलों को गरीब बच्चों के उज्जवल भविष्य की दिशा में एक शानदार शुरुआत माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्कूलों में विद्यार्थियों को मुफ्त यूनिफॉर्म दी जा रही है और खास तौर पर लड़कियों के लिए मुफ्त बस सेवा की व्यवस्था की गयी है, ताकि एक भी लड़की शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये स्कूल 'आधुनिक युग के मंदिर' के रूप में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर हजारों विद्यार्थियों के जीवन को रोशन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन विद्यार्थियों को सशस्त्र सेनाओं की तैयारी के साथ-साथ नीट, जेईई, सीएलएटी और निफ्ट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए विशेष कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत गर्व की बात है कि स्कूल ऑफ एमिनेंस और अन्य सरकारी स्कूलों के 265 विद्यार्थियों ने जेईई मेन्स परीक्षा में योग्यता प्राप्त की, 44 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस पास किया और 848 विद्यार्थियों ने नीट में सफलता प्राप्त की।
श्री मान ने बताया कि एक और पहल के तहत "स्कूल मेंटरशिप प्रोग्राम" (स्कूली बच्चों का मार्गदर्शन कार्यक्रम) शुरू किया गया है, जिसके तहत वरिष्ठ अधिकारी सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं।
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