अमृतसर , नवंबर 08 -- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी पर्व के अवसर पर धार्मिक समारोह और कीर्तन दरबार का आयोजन करना सिखों की प्रतिनिधि धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का काम है और पंजाब सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए।
पंजाब सरकार द्वारा श्री आनंदपुर साहिब में कीर्तन उत्सव की अनुमति न दिये जाने संबंधी चल रही खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव सरदार प्रताप सिंह ने शनिवार को कहा कि सरकार को पहले ही स्पष्ट कर दिया गया था कि वह श्री आनंदपुर साहिब में विकास कार्यों पर ध्यान दे और संगत की सुविधा के लिए सहयोग करे, लेकिन इसके बावजूद सरकार सिख पंथ की अन्य संस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए धार्मिक उत्सवों और कीर्तन दरबारों के आयोजन पर जोर दे रही है, जो पंथक भावनाओं के विरुद्ध है।
एसजीपीसी सचिव ने कहा कि धार्मिक समागम और कीर्तन दरबार शिष्टाचार से जुड़े मामले हैं, जिनमें किसी भी उल्लंघन के बाद विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। इससे पहले, जब सरकार ने श्रीनगर में एक समागम में शिष्टाचार का घोर उल्लंघन किया था, तब इस मामले पर श्री अकाल तख्त साहिब में चर्चा हुई थी और जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने भी सरकार से धार्मिक समागमों के बजाय श्री आनंदपुर साहिब के विकास पर ध्यान केंद्रित करने और समागमों की जिम्मेदारी सिख संस्थाओं को सौंपने को कहा था। उन्होंने कहा कि अब सरकार शिरोमणि कमेटी को बदनाम करने की नीयत से जानबूझकर धार्मिक आयोजनों में दखलअंदाजी कर रही है, जिससे उसे बचना चाहिए।
श्री प्रताप सिंह ने कहा कि शिरोमणि कमेटी गुरुद्वारों में आयोजनों की इजाज़त देते समय पंथक भावनाओं को ध्यान में रखती है और धार्मिक और पंथक संस्थाओं एवं संगठनों के अलावा किसी और को ऐसी इजाज़त नहीं देती। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी ने बड़े स्तर पर शताब्दी समारोह आयोजित किये हैं, जिनमें सभी को आमंत्रित किया जाता है और सरकार को भी इन आयोजनों में शामिल होना चाहिए, लेकिन राजनीति नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अभी भी नौवें गुरु के पवित्र स्थान गुरुद्वारा बाबा बकाला साहिब में दो दिवसीय गुरमत समागम जारी है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु नतमस्तक हो रहे हैं। सरकार को किसी भी शताब्दी समारोह में शामिल होने से नहीं रोका गया है, बल्कि पंथ संस्थाओं के आयोजनों में आना और बैठना सरकार की ज़िम्मेदारी है।
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