अमृतसर , नवंबर 21 -- पंजाब प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता प्रो. सरचांद सिंह ख्याला ने शुक्रवार को कहा कि चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय में 22 नवंबर को "गुरु नानक रिसर्च इंस्टिट्यूट, बर्मिंघम (ब्रिटेन)" के बैनर तले विवादित व्यक्ति हरजिंदर सिंह दिलगीर द्वारा आयोजित की जा रही कॉन्फ़्रेंस को तुरंत रद्द किया जाए।
प्रो. ख्याला ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर को पत्र लिखकर कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब ने 27 जुलाई 2017 को जारी अपने लिखित हुकमनामे में स्पष्ट रूप से बताया था कि दिलगीर की लेखनों में पाई गई आपत्तिजनक सामग्री पर संगत के भारी रोष के बाद एक विद्वान समिति से जांच करवाई गई थी। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में यह सिद्ध हुआ कि दिलगीर ने सिख पंथ की मर्यादाओं, श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की प्रतिष्ठा, अमृत, नितनेम, अरदास, श्री दशम ग्रंथ की बाणी तथा धार्मिक स्थलों की पवित्रता के विषय में अत्यंत आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है। इसी आधार पर श्री अकाल तख़्त साहिब से पाँच सिंह साहिबान ने गहन विचार-विमर्श के बाद आदेश दिया था कि जब तक दिलगीर अकाल तख्त साहिब में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण नहीं देता, तब तक सिख संगत उसे सामाजिक-धार्मिक रूप से न अपनाए, न किसी मंच पर बोलने दिया जाए और उसकी पुस्तकों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए।
उन्होंने बताया कि आठ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी दिलगीर न तो अकाल तख़्त साहिब में पेश हुआ, न कोई स्पष्टीकरण दिया और न ही क्षमा माँगी। "ऐसे व्यक्ति को पंजाब यूनिवर्सिटी जैसी प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था का मंच देना सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं का खुला अपमान है। " उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि जो व्यक्ति सिख धर्म के मूल सिद्धांतों, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की बाणी, सिख इतिहास और यहां तक कि श्री अकाल तख्त साहिब की संस्था को चुनौती दे चुका हो, उससे गुरमत के अनुकूल विचारों की अपेक्षा करना व्यर्थ है।
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