अमृतसर , अक्टूबर 27 -- शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा छात्र संगठन की ओर से आयोजित किये जाने वाले सेमिनार को रोकने के कदम पर संज्ञान लिया है और इसकी कड़ी निंदा की है।

एडवोकेट धामी ने एक बयान में कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी के 350वें शताब्दी वर्ष को समर्पित सेमिनार की अनुमति न देना सिख विरोधी कृत्य और विचारों की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है। यह बेहद दुखद और चिंताजनक है कि पंजाब की धरती पर बने पंजाब विश्वविद्यालय में सिख विद्वानों और विचारकों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि जब सिख समुदाय श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के शहीदी के 350वें शताब्दी वर्ष का जश्न मना रहा है, तो हर संगठन गुरु साहिब के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कार्यक्रम और सेमिनार आयोजित कर रहा है। बेहतर हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन खुद इस सेमिनार के लिए जरूरी प्रबंध करे, लेकिन इसके विपरीत सिख संगठनों को भी गुरु साहिब को श्रद्धांजलि देने से रोका जा रहा है।

एडवोकेट धामी ने कहा कि सिख विद्वानों की आपत्तियों के कारण सेमिनार रद्द करने का विश्वविद्यालय प्रशासन का निर्णय पूरी तरह से अतार्किक और भेदभावपूर्ण है। इस कदम से सिखों को मानसिक पीड़ा हो रही है। एसजीपीसी अध्यक्ष ने इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलपति और डीन छात्र कल्याण से स्पष्टीकरण की मांग की और केंद्र सरकार और पंजाब सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी गुरुओं की शिक्षाओं के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी संगठन द्वारा सिख पहचान या विचारों को दबाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी अपने स्तर पर जांच करके इस मामले में कार्रवाई करेगी।

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