चंडीगढ़ , अक्टूबर 23 -- पंजाब में रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी अनुबंध कर्मचारी ने गुरुवार को किलोमीटर स्कीम बसों की निविदा रद्द करने की मांग को लेकर दोपहर 12 बजे से, राज्य के सभी 23 जिलों में चक्का जाम कर प्रदर्शन किया।

अमृतसर में भी रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम शुरू कर दिया है। बड़ी संख्या में कर्मचारी राजमार्ग पर आकर नारेबाजी कर रहे हैं, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। अमृतसर में राजमार्ग जाम करने पहुंचे कर्मचारियों और पुलिस के बीच धक्का- मुक्की हुई। जालंधर में आंदोलन शुरू होने से पहले ही पुलिस ने कर्मचारियों को रोक लिया। चक्का जाम शुरू होने से करीब आधा घंटा पहले ही पुलिस ने जालंधर रोडवेज डिपो को घेर लिया और वहां भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। गेट पर बैरिकेडिंग कर कर्मचारियों को बाहर जाने से रोका गया। विरोध में कर्मचारियों ने डिपो परिसर के अंदर ही धरना शुरू कर दिया है। डिपो के अंदर कर्मचारियों की बैठक चल रही है, जिसमें आगे की रणनीति पर फैसला लिया जायेगा। पुलिस किसी भी मुलाजिम को बाहर नहीं जाने दे रही है।

चंडीगढ़ में फिलहाल सरकार और यूनियन प्रतिनिधियों के बीच बातचीत चल रही है। इसी वजह से अभी तक बस सेवायें पूरी तरह बंद नहीं की गयी हैं। पुलिस प्रशासन भी यूनियन से अपील कर रहा है कि चक्का जाम को टाल दिया जाये।

लुधियाना में कर्मचारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया है, जिसके बाद पुलिस ने भी सुरक्षा बढ़ा दी है और राजमार्ग और बस स्टैंड के आसपास अतिरिक्त बल तैनात किया गया है,जिससे स्थिति नियंत्रण में रहे।

रोडवेज पनबस, पीआरटीसी ठेका कर्मचारी संघ, के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने पंजाब रोडवेज जालंधर -2 के महाप्रबंधक को मंगलवार को पत्र लिख कर अवगत कराया था कि यदि उनकी मांग नहीं मानी गयी तो 23 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, संगरूर, बठिंडा और पंजाब के अन्य राजमार्गों पर चक्का जाम किया जायेगा।

श्री सिंह ने बताया कि सरकार और प्रबंधन ने पंजाब रोडवेज़, पनबस/पीआरटीसी के अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने और पंजाब के मुख्यमंत्री ने संगठन के साथ एक पैनल बैठक कर एक जुलाई 2024 के आदेशों के अनुसार, उनकी सात मांगों का समाधान निकालने के आदेश दिये गये थे। उन्होंने कहा कि मांगों का समाधान निकालने के बजाय, विभागों का निजीकरण करने की मंशा से किलोमीटर स्कीम बसों की निविदा निकाली जा रही हैं। इस संबंध में, संगठन ने किलोमीटर स्कीम बसों के शुरू होने से होने वाले वित्तीय नुकसान के बारे में तर्कसंगत विवरण प्रस्तुत किये हैं। कुछ उच्च पदस्थ अधिकारी सरकार को किलोमीटर बसों के फायदे बताकर निजी कॉर्पोरेट घरानों को तरजीह देने का सुझाव दे रहे हैं, जिनका सीधा कॉर्पोरेट घरानों से समझौता किया जा रहा है और निजी घरानों को सरकारी विभागों में शामिल किया जा रहा है। संगठन इसका कड़ा विरोध करेगा और अधिकारियों के आवासों के सामने धरना दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि सरकार ने वोल्वो एचवी एसी किलोमीटर स्कीम बसों के लिए 23 अक्टूबर और साधारण बसों के लिए 17 नवंबर को निविदा खोलने का समय निर्धारित किया है जिसका संघ द्वारा विरोध किया जायेगा।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित