नयी दिल्ली , नवंबर 08 -- दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया उसी प्रकार अब पंजाब की जनता की कमाई को भी निजी ऐशो-आराम में खर्च किया जा रहा है।

श्रीमती गुप्ता ने शनिवार को पंजाब स्थित तरनतारण विधानसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी हरजीत सिंह संधू के पक्ष में एक जनसभा में कहा कि यह उपचुनाव केवल एक सीट का चुनाव नहीं है, बल्कि प्रदेश के भविष्य और विकास की दिशा का चुनाव है।अपने दौरे की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने तरनतारन स्थित श्री दरबार साहिब में माथा टेका और प्रदेश में शांति, सद्भाव और समृद्धि की कामना की। इसके बाद उन्होंने श्री ठाकुरद्वारा मंदिर में भी दर्शन किए और वहां उपस्थित श्रद्धालुओं से संवाद किया। इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंथ की इस पावन धरती, श्री गुरु अर्जुन देव जी की कृपा से धन्य शहर तरनतारन में पहुंचकर उन्हें अत्यंत हर्ष की अनुभूति हो रही है। पंजाब और दिल्ली का संबंध केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और भावनात्मक है। दिल्ली के विकास में पंजाब से जुड़े लोगों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। पंजाब, विशेषकर तरनतारन की जो दुर्दशा आज देखने को मिल रही है, जहां हत्या, रंगदारी, फिरौती, कब्ज़े और लूट जैसी घटनाएं आम हो गई हैं उसके पीछे की ज़िम्मेदारी सबको मालूम है।

उन्होंने कहा कि जिस पंजाब ने कभी पूरे देश को अन्न दिया, वही आज नशे की समस्या से ग्रस्त है। लगभग हर घर इस संकट से प्रभावित है, माताओं की आँखों में आँसू हैं और युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। यह स्थिति उस केजरीवाल सरकार की नीतियों का परिणाम है, जिसने सत्ता में आने से पहले "युद्ध नशे के विरूद्ध " की बात की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसी व्यवस्था ने नशे को संरक्षण देना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री ने प्रश्न उठाया कि पंजाब की ऐसी हालत क्यों है और राज्य को इतने कर्ज़े में क्यों डुबो दिया गया है? उन्होंने कहा कि सरकारें तो आती-जाती रहती हैं, परंतु कर्ज़े का बोझ जनता के कंधों पर ही रहता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार लोगों की ज़मीन हथियाने के लिए 'लैंड पुलिंग' योजना लाई, लेकिन जब जनता ने विरोध किया तो उसे वापस लेना पड़ा। अब सरकार सरकारी ज़मीनें बेचने पर उतर आई है।

उन्होंने सवाल किया कि जब पंजाब में कोई नयी सड़क, पुल या कॉलेज नहीं बना, तो सारा पैसा आखिर गया कहां? मुख्यमंत्री ने कहा कि यह धन गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार और स्वार्थी नेतृत्व की विलासिता में खर्च हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस प्रकार दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया, उसी प्रकार अब पंजाब की जनता की कमाई को भी निजी ऐशो-आराम में खर्च किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने पूछा कि पंजाब के मुख्यमंत्री का दायित्व वास्तव में किसके हाथ में है, जब राज्य के प्रशासनिक निर्णय दिल्ली के नेताओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। केजरीवाल का पंजाब से क्या रिश्ता है, जो वह यहाँ सरकारी बंगले में रहकर उसे 'शीशमहल' बना रहा है जैसे उसने पहले दिल्ली की जनता के पैसे से शीशमहल बनाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पंजाब में आयी बाढ़ के दौरान लाखों लोग प्रभावित थे, तब न तो राज्य सरकार सक्रिय दिखी और न ही सत्तारूढ़ दल का कोई प्रतिनिधि जनता के साथ खड़ा दिखाई दिया। ऐसे कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दिल्ली की जनता ने पंजाब की सहायता के लिए हाथ बढ़ाया। दिल्ली सरकार द्वारा 60 ट्रक राहत सामग्री भी भेजी गई। उन्होंने कहा कि पंजाब के प्राकृतिक संसाधनों की लूट, विशेषकर अवैध रेत खनन ने नदियों के तटों को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बाढ़ का प्रकोप बढ़ा और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।

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