श्री बदरीनाथ धाम , अक्टूबर 02 -- उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 23 अक्टूबर को और श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होंगे।

श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की गुरुवार को विजयादशमी पर हुई बैठक में पंचांग गणना के बाद यह फैसला लिया गया। समिति अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, हक हकूकधारियों तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में हुए भव्य धार्मिक समारोह में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद की तिथि की घोषणा की। इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना के पश्चात तिथि निश्चित की।

समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश गौड़ ने बताया कि कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत, पंच पूजाओं के पहले दिन 21 नवंबर को भगवान गणेश की पूजा होगी। शाम को इसी दिन भगवान गणेश के कपाट बंद होंगे। दूसरे दिन 22 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर तथा शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद होंगे। तीसरे दिन 23 नवंबर को खडग - पुस्तक पूजन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा। चौथे दिन 24 नवंबर को मां लक्ष्मी जी को कढाई भोग चढाया जायेगा, 25 नवंबर को दो बजकर 56 मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को श्री कुबेर जी एवं उद्धव जी सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी शीतकालीन प्रवास पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ को प्रस्थान करेगी।

इसके अलावा श्री केदारनाथ धाम तथा श्री यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज 23 अक्टूबर और श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट गोवर्धन पूजा के अवसर पर 22 अक्टूबर अभिजीत मुहूर्त में शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे। इसी तरह द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर तथा तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट छह नवंबर को शीतकाल के लिए बंद होंगे।

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