श्री बदरीनाथ धाम , अक्टूबर 02 -- उत्तराखंड में हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं पर स्थित श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धामों सहित मन्दिर समिति के अधीनस्थ सभी मंदिरों के कपाट शीतकाल में बन्द होने की तिथियां गुरुवार को विजयादशमी पर पंचांग गणना के पश्चात निश्चित की गयी।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, हक हकूकधारियों तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में हुए भब्य धार्मिक समारोह में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने कपाट बंद की तिथि की घोषणा की। इससे पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल तथा वेदपाठी रविंद्र भट्ट तथा अमित बंदोलिया ने पंचांग गणना के पश्चात तिथि का विनिश्चय किया।
इसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष द्विवेदी ने वर्ष 2026 के लिए हक हकूकधारी धारियों को पगड़ी भेंट की तथा सभी थोंकों के पदाधिकारियों को सम्मानित किया। भंडारी थोक से मनीष भंडारी, मेहता थोक से महेंद्र सिंह मेहता एवं दिनेश भट्ट, कमदी थोक से कुलभूषण पंवार को पगड़ी भेंट की गयी। उन्होंने कपाट बंद होने की तिथि निश्चित होने पर अपने संबोधन में कहा कि आपदा के बाद दूसरे चरण की यात्रा के लिए अभी एक माह का समय शेष है। उन्होंने कहा कि मानसून की आपदा के बावजूद, अभी तक 14 लाख, 20 हजार, 357 से अधिक तीर्थयात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन कर लिए है। जबकि 16 लाख, 02 हजार, 420 से अधिक ने केदारनाथ धाम के दर्शन किये है। उन्होंने कहा कि इस तरह दोनों धामों में 30 लाख, 22 हजार, 777 से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन कर लिए है।
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