कन्नूर , अक्टूबर 10 -- केरल में थालास्सेरी की एक अदालत ने न्यू माहे में 2010 में हुए आरएसएस कार्यकर्ताओं की दोहरी हत्या के मामले में सभी 14 माकपा कार्यकर्ताओं को बुधवार को बरी कर दिया।

न्यायाधीश रूबी के. जोस ने आरएमपी नेता टी.पी. चंद्रशेखरन से जुड़े एक अन्य हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एन.के. सुनील कुमार उर्फ कोडी सुनी, के.के. मुहम्मद शफी और के. शिनोज सहित 14 माकपा कार्यकर्ताओं को विशेष अभियोजक द्वारा अदालत के समक्ष प्रस्तुत उचित साक्ष्य या विश्वसनीय गवाहों के अभाव में बरी कर दिया। अन्य 11 बरी किए गए माकपा कार्यकर्ताओं में टी. सुजीत, टी.के. सुमेश, टी.पी. शमील, ए.के. शम्मास, के.के. अब्बास, राहुल, के.के. विनीश, पी.वी. विजित, फैजल, सरीश और टी.पी. सजीर शामिल हैं।

पूर्वी पल्लूर के पास इरट्टापिलाकूल निवासी आरएसएस कार्यकर्ता एम.के. विजित (29) और के. शिनोज (28) की हत्या के मामले में विशेष जाँच दल (एसआईटी) द्वारा दायर आरोपपत्र में कुल 16 आरोपियों के नाम थे। दसवें आरोपी सी.के. राजीकांत और 12वें आरोपी मुहम्मद राजीज की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई थी।

अभियोजन पक्ष के मुताबिक 28 मई, 2010 को सुबह लगभग 11:00 बजे, हमलावरों ने दो आरएसएस कार्यकर्ताओं, एम.के. विजित और के. शिनोज की मोटरसाइकिल पर देसी बम फेंके और उन पर हथियारों से हमला किया। वे न्यू माहे के पास कल्लयी चुंगम में एक मामले में पेश होने के बाद माहे अदालत से घर लौट रहे थे। विजित की माँ, राजम्मा ने केरल उच्च न्यायालय का रुख किया और मामले के लिए एक विशेष अभियोजक की नियुक्ति का अनुरोध किया था।

विशेष लोक अभियोजक पी. प्रेमराजन ने दावा किया कि पुलिस ने उस समय आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया था और उनमें से अधिकांश ने अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था।

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