नयी दिल्ली , अक्टूबर 24 -- उच्चतम न्यायालय में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की आगामी 23 नवंबर पर सेवानिवृत्ति को देखते हुए केंद्र सरकार ने अगले मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है।

कानून और न्याय मंत्रालय ने न्यायमूर्ति गवई को पत्र लिखकर उनके उत्तराधिकारी के नाम की अनुशंसा करने का अनुरोध किया है। स्थापित परंपरा और नियुक्ति की कार्यविधि के अनुसार, उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में अनुशंसित किया जाता है। वर्तमान में न्यायमूर्ति गवई के बाद वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं।

न्यायमूर्ति गवई द्वारा की गई अनुशंसा पर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद न्यायमूर्ति सूर्यकांत औपचारिक रूप से भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश का पदभार ग्रहण कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनका कार्यकाल 9 फरवरी 2027 तक रहेगा।

दस फरवरी 1962 को जन्मे न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने 1981 में हरियाणा के हिसार स्थित सरकारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1984 में महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1984 में हिसार जिला न्यायालय से अधिवक्ता के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और अगले वर्ष पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय, चंडीगढ़ में कामकाज शुरू किया।

वर्ष 2000 में वे हरियाणा के महाधिवक्ता बने और 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। उसी वर्ष वे पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। बाद में वे 2018 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए और 2019 में उन्हें उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित