नैनीताल , नवंबर 29 -- उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव में हिंसा के मामले में जांच एजेंसी अपराध जांच विभाग (सीआईडी) शुक्रवार को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद अदालत ने नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डाॅ. मंजूनाथ टीसी और पांचों जिला पंचायत सदस्यों को अदालत के समक्ष पेश होने का फरमान जारी कर दिया है।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेन्दर और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ में इसी साल 14 अगस्त को हुए नैनीताल जिला पंचायत के चुनाव में कथित हिंसा के मामले में सुनवाई हुई। सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी है।
आज जांच अधिकारी अदाीलत में पेश हुए और कार्रवाई रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि मामले की जांच चल रही है। हिंसा मामले में 33 आरोपियों को चिह्नित किया गया है। इनमें से दो को गिरफ्तार किया गया है जबकि 31 को नोटिस जारी किया गया है। अदालत जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नजर नहीं आयी और कहा कि पुलिस दो महीने में किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई और एक वही रटा-रटाया जवाब दे रही है।
अदालत जवाब से संतुष्ट नजर नहीं आयी और अंत में एसएसपी नैनीताल और पांचों जिला पंचायत सदस्यों को आगामी 03 दिसंबर को अदालत में पेश होने के निर्देश दे दिए। इससे पहले भी सीआईडी दो बार जवाब देने में नाकाम रही चुकी हैउल्लेखनीय है कि विगत 14 अगस्त को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान नैनीताल में कांग्रेस और भाजपा समर्थकों में जबरदस्त झड़प हो गई थी। इस दौरान आरोप है कि भाजपा कार्यकर्ता पांच जिला पंचायत सदस्यों को अपने साथ ले गए। कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर उच्च न्यायालय ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की है।
इस मामले में सरकार ने सीआईडी को जांच सौंपी है।
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