नयी दिल्ली , दिसंबर 07 -- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को आरोप लगाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की विरासत को बचाने के लिये सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर, सुभाष चंद्र बोस समेत कई नेताओं की विरासत को समाप्त किया गया और उनकी उपेक्षा की गयी।
यह दावा यहां भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों के समक्ष किया।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस आरोप कि भाजपा, पंडित जवाहर लाल नेहरू की विरासत को मिटाना चाहती है - पर पलटवार करते हुये श्री पात्रा ने कहा, ''मैं सोनिया गांधी से कहना चाहूंगा कि केवल नेहरू की स्मृति और तथाकथित विरासत को जीवित रखने के लिए कांग्रेस पार्टी ने न जाने कितने महापुरुषों की विरासत को समाप्त किया।''श्री पात्रा ने कहा कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण सरदार वल्लभभाई पटेल है। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई को समाप्त करने की कोशिश की गई। इसके साथ उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर कांग्रेस में सही लोकतांत्रिक तरीके से वोटिंग प्रणाली को लागू किया जाता, तो शायद आज न तो नेहरू की कोई विरासत होती और न ही पंडित नेहरू देश के प्रधानमंत्री बनते।
श्री पात्रा ने कहा कि इसी प्रकार सुभाष चंद्र बोस की उपेक्षा की गई और उन्हें कम करके आंकने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान रचा और जो संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन रहे, उनके प्रति पंडित नेहरू का जैसा व्यवहार रहा-वह जनता जनार्दन जानती है।
श्री पात्रा ने कहा कि जब संसद में संविधान पर चर्चा हो रही थी, तब हमें मालूम पड़ा कि अंबेडकर और नेहरू के बीच जो पत्राचार हुए थे, और उनमें नेहरू ने अंबेडकर के बारे में क्या कहा है, यह देश के सामने आया है।
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