नयी दिल्ली , दिसम्बर 01 -- कांग्रेस ने कहा है कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी तथा लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय-ईडी ने भाजपा के इशारे पर नयी प्राथमिकी दर्ज की है ताकि बिगड़ती अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी और विफल विदेश नीति जैसे अहम मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा कार्यसमिति के सदस्य डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह कार्रवाई भाजपा की प्रतिशोध तथा उत्पीड़न की राजनीति का हिस्सा है। उनका कहना था कि ईडी ने यह कार्रवाई भाजपा के इशारे पर की है और इसका मकसद मुद्दों से ध्यान हटाना है।
उन्होंने नेशनल हेराल्ड प्रकाशित करने वाली कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का इतिहास बताते हुए कंपनी के वित्तीय पुनर्गठन की प्रक्रिया समझाई और कहा कि यह कंपनी ब्रिटिश काल में अंग्रेजों के खिलाफ खड़ी रही थी। बाद में कंपनी आर्थिक रूप से कमजोर हो गई लेकिन कंपनी की मशाल जलाए रखने के लिए कांग्रेस ने समय-समय पर उसे ऋण दिया, जो एक वक्त 90 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। इसलिए इस कंपनी को ऋण मुक्त करने के लिए उस ऋण को इक्विटी में बदलने का निर्णय लिया गया और इसके लिए 'यंग इंडियन' नामक एक गैर-लाभकारी कंपनी बनाई गई। कंपनी में श्रीमती गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और ऑस्कर फर्नांडिस जैसे कांग्रेसी नेता शामिल थे।
श्री सिंघवी ने बताया कि 'यंग इंडियन' के पास कंपनी के 99 प्रतिशत शेयर होल्डिंग आ गई। 'यंग इंडियन' न तो कोई लाभ नहीं कमा सकती है और न ही इसके निदेशकों को कोई वेतन या भत्ता मिलता है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस मामले में न तो कोई धनराशि का लेन-देन हुआ, न कोई लाभ अर्जित किया गया, और न ही कोई चल या अचल संपत्ति का हस्तांतरण हुआ, इसलिए इस पूरे प्रकरण में मनी लॉन्ड्रिंग का सवाल ही नहीं उठता।
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