चंडीगढ़, नवंबर 14 (वार्ता) राष्ट्रीय राजधानी के लाल किले के पास हुए कार बम धमाके मामले में जांच एजेंसियों ने हरियाणा के नूंह जिले से दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया है। साथ ही अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जमीन और प्रशासनिक रिकॉर्ड की विस्तृत पड़ताल भी शुरू कर दी गई है।

जांच से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक दोनों युवक हाल ही में यूनिवर्सिटी के मेडिकल विंग से जुड़े थे। उनके मोबाइल फोन से मिले कुछ डेटा में ''संदिग्ध बातचीत'' के संकेत मिलने के बाद उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया। अधिकारियों ने बताया कि बरामद डिजिटल सामग्री की अभी तकनीकी जांच जारी है।

पहचाने गए युवकों में से एक मुस्ताकिम, नूंह के सुन्हेड़ा गांव का रहने वाला है। वह चीन से एमबीबीएस कर भारत लौटा था और यहां इंटर्नशिप कर रहा था। परिजनों के अनुसार, वह नौ नवंबर को दिल्ली में नौकरी से जुड़ी परीक्षा देने गया था। अगले दिन देर रात एजेंसियों ने गांव पहुंचकर उसे पूछताछ के लिए साथ लिया। परिवार का कहना है कि उसकी सामान्य फोन बातचीत को गलत तरीके से संदिग्ध माना गया है।

दूसरा युवक मोहम्मद, अहमदवास गांव का रहने वाला बताया गया है। उसने करीब छह माह पहले एमबीबीबीएस पूरा किया था और यूनिवर्सिटी अस्पताल में इंटर्न के तौर पर काम कर रहा था। 15 नवंबर को उसकी औपचारिक ज्वाइनिंग होनी थी, लेकिन कॉल रिकॉर्ड की जांच के बाद उसे भी इस सप्ताह हिरासत में ले लिया गया।

इसके समानांतर, शुक्रवार को अल-फलाह यूनिवर्सिटी और उसके मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया। परिसर में प्रवेश केवल पहचान सत्यापन के बाद ही हो रहा है, जबकि कई ब्लॉकों में आवाजाही सीमित कर दी गई है।

इसी दौरान फरीदाबाद जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी की करीब 78 एकड़ जमीन का विस्तृत सर्वे शुरू किया है। राजस्व विभाग की टीमें निर्माण संरचनाओं, खाली पड़े हिस्सों, पुराने भूमि सौदों और उनसे जुड़े वित्तीय दस्तावेजों की जांच कर रही हैं ताकि मंजूरशुदा उपयोग और वास्तविक स्थिति का मिलान किया जा सके।

जांचकर्ता यह भी पड़ताल कर रहे हैं कि हिरासत में लिए गए दोनों डॉक्टरों का किसी अन्य संदिग्ध उमर नबी से कोई संपर्क था या नहीं, जो कथित तौर पर धमाके वाले दिन नूंह से दिल्ली आया था। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह जांच अभी शुरुआती स्तर पर है।

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