पटना , दिसंबर 25 -- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को संजय गांधी जैविक उद्यान का भ्रमण किया और अधिकारियों को वन्य जीवों की देखभाल अच्छे ढंग से करने के निर्देश दिये।
श्री कुमार ने आज संजय गांधी जैविक उद्यान में भ्रमण के दौरान वन्य जीवों तथा पक्षियों को देखा और उनकी स्वास्थ्य-सुविधाओं, कार्यकलापों तथा पर्यावरण संरक्षण की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को वन्य जीवों की देखभाल अच्छे ढंग से करने और उनकी सुविधाओं का ठीक से ख्याल रखने के निर्देश दिए। उन्होंने संजय गांधी जैविक उद्यान में बड़ी संख्या में कराये गये वृक्षारोपण पर प्रसन्नता जाहिर की।
मुख्यमंत्री श्री कुमार ने यहां भ्रमण करनेवाले बच्चों एवं आगंतुकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश देते हुये कहा कि इस स्थान पर स्कूली छात्र-छात्राओं का अधिक से अधिक भ्रमण कराया जाये, जिससे वह वन्य जीवों एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक हो सकें। उन्होंने यहां टॉय ट्रेन शीघ्र शुरू कराने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान के बेहतर विकास के लिए मास्टर प्लान बनाया गया है।
मुख्यमंत्री श्री कुमार ने जू भ्रमण के दौरान जेब्रा के एक नवजात बच्चे का नाम 'समृद्धि' रखा।
गौरतलब है कि हाल में ही पटना चिड़ियाखाने में अफ्रीका के देशों में पाये जाने वाले महत्वपूर्ण वन्य जीव जेब्रा के बच्चे का जन्म हुआ है। लगभग 17 वर्षों के बाद जेब्रा के बच्चे का जन्म होना राज्य सरकार की तरफ से वन्य जीवों के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए किये जा रहे प्रयासों का फल है।संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) पूरे देश का एक महत्वपूर्ण जैविक उद्यान और चिडियाघर है जो पटना के नेहरू पथ पर अवस्थित है। इसका कुल क्षेत्रफल 153 एकड़ है। यह स्थान वन्य जीव संरक्षण, शोध तथा शिक्षण का केन्द्र है, जहाँ बच्चे एवं आगंतुक वन्य जीव व्यवहार तथा विभिन्न प्रकार के पौधों, जीव-जंतुओं के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। इस चिड़ियाखाना में बडी सख्या में प्रतिदिन लोग भ्रमण के लिए आते हैं। प्रतिवर्ष लगभग 23 लाख से अधिक पर्यटक पटना जैविक उद्यान में घूमने आते हैं, जिसमें स्कूली छात्र/छात्राओं की संख्या अधिक रहती है। पटना जैविक उद्यान में 93 से अधिक प्रजातियों के 1122 वन्य जीव रहते हैं जिनमें गैंडा, घड़ियाल, जिराफ, जेबरा, बाघ, हिरण, बंदर आदि शामिल हैं। वर्तमान में पटना चिड़ियाखाना में 10 गैंडा, 200 से अधिक घडियाल एवं 06 जिराफ भी उपलब्ध है।
पटना चिड़ियाखाना में बोटैनिकल गार्डन, मछलीघर, झील में नौकायान, प्रेक्षागृह आदि भी उपलब्ध है जो स्कूली बच्चों एवं बच्चियों के बीच काफी लोकप्रिय है। इसे देश के सबसे अच्छे जैविक उद्यानों में से एक माना जाता है, जिसके 80 प्रतिशत से अधिक भाग में पेड-पौधे लगाये गये हैं।यहां सुबह घूमने आने वाले लोगों के लिए नया रास्ता बनाया गया है। गैंडा, घड़ियाल तथा जिराफ के बच्चों के जन्म के समय से ही ध्यान रखने के लिए बेहतर सुविधाएँ विकसित की गयी हैं। हाल में ही राज्य कैबिनेट से पटना जैविक उद्यान के बेहतर प्रबंधन के लिए सोसायटी का भी गठन किया गया है।
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