पटना , अक्टूबर 03 -- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को महिला रोजगार योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के बैंक खातों में 2500 करोड़ रुपये की राशि का हस्तांतरण किया।
इस योजना की पहली किश्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में हस्तांतरित की थी।
मुख्यमंत्री श्री कुमार ने आज सुबह एक अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 2500 करोड़ रूपये की राशि लाभार्थी महिलाओं के खाते में हस्तांतरित की। कार्यक्रम में दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार मौजूद थे।
यह दूसरा अवसर है जब नीतीश सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की राशि को लाभार्थियों के खाते में हस्तांतरित की है। इससे पूर्व 26 सितंबर को 75 लाख महिलाओं के बैंक खाते में कुल 7500 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गये थे।
इस अवसर पर श्री कुमार ने कार्यक्रम में उपस्थित मंत्री और अधिकारीगण और प्रदेश के कोने-कोने से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी जीविका दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि 24 नवंबर 2005 को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने के बाद उन्होंने प्रदेश में महिला सशक्तीकरण को सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में बिहार में पहली बार पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित की गई और इसके ठीक बाद 2007 में नगर निकायों में भी उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में पुलिस भर्ती में और 2016 में सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण ने बिहार सरकार के महिला सशक्तिकरण के संकल्प को आगे बढ़ाया।
मुख्यमंत्री श्री कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने स्कूल जाने वाली बालिकाओं के लिए जब साइकिल योजना शुरू की तो बहुत लोगों को आश्चर्य हुआ क्योंकि उससे पहले बिहार में लड़कियां साइकिल नही चलाती थीं। बाद में यह योजना सफल रही और प्रदेश में महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने का साधन बनी।
श्री कुमार ने कहा कि वर्ष 2005 से पहले वह केंद्र की राजनीति में थे और देश भर में बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों को काम करते हुए देखा करते थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2006 में विश्वबैंक से ऋण ले कर स्वयं सहायता समूह शुरू किया गया,जिसे जीविका का नाम दिया गया। उन्होंने कहा कि करीब 20 साल बाद आज बिहार में 11 लाख जीविका समूह काम कर रहे हैं, जिनके सदस्यों की संख्या एक करोड़ 40 लाख हो गयी है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कृतसंकल्प है और जिन एक करोड़ महिलाओं को दस हजार की राशि दी जा चुकी है और भविष्य में जिन महिलाओं को शुरुआती राशि दी जाएगी, उन्हें अपना कारोबार शुरू करने के बाद उसे आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रूपये की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी। इसके साथ ही बिहार सरकार ने महिला रोजगार योजना के तहत एक करोड़ का जादुई आंकड़ा हासिल कर लिया है।
आज के समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी समस्तीपुर की अंजू कुमारी एक करोड़वीं लाभार्थी बनी जिनके खाते में मुख्यमंत्री ने दस हजार की राशि हस्तांतरित की। इस उपलब्धि के बाद अंजू ने मुख्यमंत्री और कार्यक्रम से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए जीविका दीदी बनने के बाद अपनी सफलता से लोगों को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सब्जी की खेती उनकी आय का साधन है और भविष्य में मुख्यमंत्री रोजगार योजना से मिली राशि का उपयोग कर वह किराने की दुकान शुरू करेंगी। अंजू ने अपने संबोधन के दौरान बिहार सरकार की साइकिल, शौचालय, 125 यूनिट बिजली फ्री और सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत बुजुर्गों को मिलने वाली राशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1100 रूपये करने के लिए भी मुख्यमंत्री श्री कुमार के प्रति आभार प्रकट किया।
गौरतलब है कि बिहार में सत्तारूढ़ दल इस योजना को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लेकर आया है।इसी वर्ष अगस्त महीने के अंत में मुख्यमंत्री श्री कुमार ने हर घर की एक महिला सदस्य को रोजगार शुरू करने के लिए दस हजार रुपये देने की घोषणा की थी। इसके बाद सितंबर महीने में इस योजना को कार्यान्वित किया गया, जिसमे ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं ने बड़ी संख्या में आवेदन किया था।इस योजना से जुड़ने के लिए जीविका समूह का सदस्य होना अनिवार्य है। इस वजह से पुरानी जीविका समूह योजना का भी विस्तार हो रहा है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लागू होने के बाद प्रदेश के विभिन्न शहरों से जीविका समूह में जुड़ने के लिए करीब 10 लाख नए आवेदन अलग से आ चुके हैं।सरकार ने पहले ही घोषित किया है कि इस योजना के पैसे लाभार्थियों को चरणवार मिलते रहेंगे। आज इस योजना के तहत मिली दूसरी किश्त के बाद इस महीने की 06 और 17 अक्टूबर को भी पंजीकृत महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजने का कार्यक्रम तय किया गया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित