हैदराबाद , अक्टूबर 09 -- तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने भारतीय वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाने और एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाने के अमेरिका के हालिया फैसलों पर चिंता व्यक्त की।

श्री रेड्डी ने गुरुवार को एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान चिंता जताते हुए कहा इस तरह के अचानक नीतिगत बदलाव दोनों देशों के बीच अशांति और गलतफहमियों को जन्म दे सकते हैं। उन्होंने अमेरिका की प्रगति में तेलंगाना के प्रवासियों के योगदान पर ज़ोर देते हुए कहा कि एच-1बी वीज़ा शुल्क बढ़ाने के फैसले से दोनों अर्थव्यवस्थाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि तेलंगाना में एक के बाद एक राज्य सरकारों ने विकास नीतियों में निरंतरता बनाए रखी है। उन्होंने कहा कि सरकारों ने वैचारिक मतभेदों के बावजूद, सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाया और वह स्थापित नीतियों से कभी विचलित नहीं हुईं।

श्री रेड्डी ने अमेरिकी प्रतिनिधियों को अपने तेलंगाना राइजिंग 2047 विज़न के बारे में बताते हुए कहा कि राज्य का लक्ष्य 2034 तक 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना है।

श्री रेड्डी ने अमेरिकी उद्योग भागीदारों से भारत फ्यूचर सिटी के विकास में भाग लेने का आग्रह करते हुए कहा कि सभी फॉर्च्यून 500 कंपनियों को वहाँ अपनी इकाइयों को खोलनी चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि 'चीन प्लस 1' रणनीति के लिए तेलंगाना सबसे बेहतरीन विकल्प है।

प्रतिनिधि दल ने राज्य सचिवालय में आईटी और उद्योग मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू से भी मुलाकात की। मंत्री ने हैदराबाद में एक एआई विश्वविद्यालय को स्थापित करने की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए प्रतिनिधियों से राज्य को एआई के क्षेत्र में एक कौशल राजधानी के रूप में स्थापित करने में सहयोग करने का आग्रह किया ।

अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों में प्रो. वाल्टर रसेल मीड (हडसन इंस्टीट्यूट), मार्क रोसेनब्लैट (रेशनलवेव कैपिटल पार्टनर्स) और हरलान क्रो (क्रो होल्डिंग्स) शामिल थे।

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