टोंक , नवंबर 30 -- राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा है कि निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए समय बढ़ाने का जो निर्णय लिया है यह बहुत पहले ले लेना चाहिए था।
श्री पायलट ने रविवार को टोंक विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे के दौरान मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब सात दिन का समय दिया गया है। इससे थोड़ा राहत लोगों को मिलेगी। हम केंद्र सरकार के तमाम निर्णयों को देख रहे है। जब नोटबंदी की गई तब बार बार निर्णय बदल दिए। फिर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लेकर आए तब आठ साल बाद उसको बदल दिया गया।
उन्होंने कहा ''पहले जब कांग्रेस मांग करती थी कि एक जातिगत जनगणना होनी चाहिए तो भाजपा हमको अरबन नक्सली बोलती थी अब हमारी बात को मानते हुए जातिगत जनगणना भी हो रही हैं । हमने कहा एसआईआर का समय कम है अब उसको भी बढ़ा दिया। जब दबाव इतना पड़ा कि जो कर्मचारी बीएलओ दबाव में काम कर रहे है। जगह जगह से जानकारी मिल रही हैं कि लोग आत्महत्या कर रहे हैं। जो एसआईआर का समय बढ़ा है यह बहुत पहले करना चाहिए था। अब समय बढ़ा है तो उम्मीद है कि लोग और जो अधिकारी है वो इस समय का लाभ उठायेंगे ।
उन्होंने कहा कि एक भी मतदाता जो इस देश का नागरिक है वह अपने वोट देने के अधिकार से वंचित न रह जाए इसी प्रण के साथ निर्वाचन आयोग के सभी अधिकारियों को काम करना चाहिए और पूरी पारदर्शिता रखनी चाहिए। अगर काम में पक्षपात होता है तो वह संविधान की मूलभावना के परे है।
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