हैदराबाद , अक्टूबर 23 -- हैदराबाद के सिटी सिविल कोर्ट ने दिवंगत निजाम सप्तम, नवाब मीर उस्मान अली खान बहादुर के महलों और संपत्तियों के बंटवारे के लिए नवाब नजफ अली खान द्वारा दायर मुकदमे को खारिज करने की प्रिंस अजमत जाह और शेखर जाह की याचिका नामंजूर कर दी है।

सिटी सिविल कोर्ट के ग्यारहवें अतिरिक्त मुख्य न्यायाधीश ने चल रहे बंटवारे के मुकदमे (2021) में अजमत जाह और शेखर जाह द्वारा दायर अंतरिम आवेदन (2024) को खारिज कर दिया, जिससे मामले की पूरी सुनवाई की अनुमति मिल गई।

इस मामले में 232 प्रतिवादी शामिल हैं, जिनमें प्रतिष्ठित ताज फलकनुमा पैलेस का संचालन करने वाली इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड भी शामिल है।

वादी दिवंगत उस्मान शहीद के पुत्र अदनान ने तर्क दिया कि निजाम सप्तम के वैध उत्तराधिकारियों में से एक होने के नाते नवाब नजफ अली खान, पैतृक संपत्तियों पर कब्जा रखते हैं और स्वामित्व, कब्जा और मूल्यांकन से संबंधित मुद्दों का समाधान केवल गुण-दोष के आधार पर विस्तृत सुनवाई के माध्यम से ही किया जा सकता है।

अदालत ने तर्कों को सुनने और साक्ष्यों की जांच करने के बाद दलीलों में दम पाया और अजमत जाह और शेखर जाह के विशेष पावर ऑफ अटॉर्नी धारकों-अबुल फैज खान और फैज बिन जंग के माध्यम से दायर वाद को खारिज करने की याचिका खारिज कर दी।

यह मुकदमा निजाम के पांच सबसे ऐतिहासिक और मूल्यवान महलों-फलकनुमा पैलेस, चौमहल्ला पैलेस, पुरानी हवेली, किंग कोठी पैलेस और ऊटी स्थित हरेवुड एंड सीडर बंगला के विभाजन और अलग-अलग कब्जे की मांग करता है, जिनका कुल मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

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