पटना , दिसंबर 17 -- बिहार सरकार का डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग मछुआरों के लिए नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना लेकर आया है, जिसके तहत राज्य मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य या परंपरागत मछुआरों को नाव या जाल की खरीद पर निर्धारित इकाई लागत का 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य आवेदक 31 दिसंबर तक विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाईन आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिए आवेदक के द्वारा अपना मोबाइल नंबर तथा बैंक शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या,आईएफएससी कोड के साथ-साथ आधार कार्ड नंबर, बैंक खाता, एवं मत्स्य शिकारमाही से संबंधित कार्य करने संबंधी अनुशंसा एवं स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र (यदि प्रशिक्षित हो) प्रस्तुत करने होंगे। परंपरागत मछुआरों के साथ-साथ, महिला-मछुआ, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मछुआ भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे।

योजना के तहत राज्य के मत्स्यजीवी सहयोग समिति के सदस्य या मछुआ-लाभुक जो मत्स्य शिकारमाही कार्य करते हैं के एक व्यक्ति अथवा एक परिवार को फिशिंग उडेन बोट पैकेज, फिशिंग एफ.आर.पी. बोट पैकेज एवं कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज अवयवों में से अधिकतम किसी एक ही अवयव का लाभ ले सकेंग।

सभी जिलों के मछुआरे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं, योजनांतर्गत फिशिंग उडेन बोट पैकेज के लिए इकाई लागत 1,24,400 रुपए, फिशिंग एफ.आर.पी. बोट पैकेज के लिए 1,54,400 रुपए एवं कॉस्ट (फेका) जाल पैकेज के लिए 16,700 रुपए इकाई लागत निर्धारित है। लाभुकों का चयन, उप मत्स्य निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा की जायेगी।

राज्य सरकार के डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की इस योजना से मछुआरों का सशक्तिकरण होगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नाव एवं जाल पैकेज वितरण योजना का लाभ राज्य के सभी जिलों के मछुआरे उठा सकते हैं। इस संबंध में अधिक जानकारी वेबसाइट अथवा संबंधित जिला मत्स्य कार्यालय में संपर्क कर भी प्राप्त की जा सकती है।

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