नैनीताल , नवम्बर 14 -- उत्तराखंड में सरोवर नगरी नैनीताल की 12 साल की लड़की से यौन शोषण के आरोपी 71 वर्षीय उस्मान खान को उच्च न्यायालय से फिलहाल झटका लगा है। उसके जमानत प्रकरण पर अब उच्च न्यायालय की नयी पीठ (अदालत) सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने मामले को नयी पीठ को स्थानांतरित कर दिया है।
आरोपी उस्मान खान के प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ में सुनवाई हुई। आदेश की प्रति शुक्रवार को मिली। आरोपी की ओर से कहा गया कि उसे साजिशन फंसाया गया है। लड़की और उसके परिजनों के बयानों में विरोधाभास है। आरोपी की ओर से जमानत की मांग करते हुए कहा गया कि गत 30 अप्रैल की एफआईआर में जो आरोप लगाये गये हैं, साक्ष्य उसकी पुष्टि नहीं करते हैं।
यह भी कहा गया कि सरकार इस मामले को लटका रही है। अदालत से बार बार समय लेने के बावजूद फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) रिपोर्ट पेश नहीं की जा रही है। आरोपी के अधिवक्ता डाॅ. कार्तिकेय हरि गुप्ता ने अदालत से मांग की कि इस मामले को जल्दी सुना जाए।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस महीने अदालत उपलब्ध नहीं है। आरोपी पक्ष की जल्द सुनवाई की मांग को देखते हुए इस प्रकरण को अन्य बेंच के समक्ष पेश किया जाए। अब मुख्य न्यायाधीश की पीठ इस प्रकरण में नयी पीठ का गठन करेगी।
इससे पहले अदालत ने जांच अधिकारी के तीन नवंबर के आदेश को वापस लेने संबंधी प्रार्थना पत्र का निपटारा कर दिया जिसमें जांच अधिकारी पर एफएसएल रिपोर्ट समय पर जमा नहीं करने की एवज में 10000 का जुर्माना लगाया गया था।
अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी की ओर से जुर्माना की राशि जमा कर दी गई है। आदेश में जांच अधिकारी के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इसलिए आदेश वापस लेने का मामला नहीं है।
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