अबुझा , नवंबर 02 -- नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला टीनुबू ने नाइजीरिया में ईसाइयों की हत्या के संबंध में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि यह नाइजीरिया की धार्मिक वास्तविकता का गलत चित्रण है और इससे धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति देश की संवैधानिक प्रतिबद्धता जाहिर नहीं होती है।
अमेरिका राष्ट्रपति ने शुक्रवार को अपने सोशल मीडिया ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट के माध्यम से नाइजीरिया पर आरोप लगाया था कि वहाँ इस्लामी आतंकवादी जानबूझ कर ईसाइयों की हत्या कर रहे हैं। उन्होंने फिर शनिवार को धमकी देते हुए कहा कि अगर नाइजीरिया में यह जनसंहार नहीं रोका गया तो अमेरिका नाइजीरिया को देने वाली सारी सहायताएँ रोक देगा और हमला कर इस्लामी आतंकवादियों का सफाया कर देगा। श्री ट्रंप ने अपने युद्ध विभाग को संभावित कार्रवाई के लिए तैयार रहने का निर्देश भी दिया।
नाइजीरियाई राष्ट्रपति ने शनिवार को इस संबंध में एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "नाइजीरिया एक लोकतांत्रिक देश के रूप में मजबूती से खड़ा है, जहाँ संविधान प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता मौजूद है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता और सहिष्णुता नाइजीरिया के 'मूल सिद्धांत' हैं।
श्री टीनुबू ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे उनकी आस्था कुछ भी हो। उन्होंने कहा, "नाइजीरिया धार्मिक उत्पीड़न का विरोध करता है और इसे प्रोत्साहित नहीं करता है।"नाइजीरिया के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता किमीबी एबिएन्फा ने कहा कि संघीय सरकार इस मामले पर पहले से ही अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा, "हम इस मामले पर वाशिंगटन डीसी, अटलांटा और न्यूयॉर्क स्थित अपने दूतावासों के माध्यम से अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी अबुजा स्थित अमेरिकी दूतावास के साथ भी बातचीत जारी रहेगी।
एक स्थानीय मीडिया के अनुसार श्री ट्रंप की घोषणा से पहले कुछ सांसदों को अमेरिकी सांसदों से मिलने के लिए वाशिंगटन जाने के लिए चुना गया था। इस प्रतिनिधि मंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने स्थानीय साप्ताहिक 'संडे पंच' को बताया कि अब इस यात्रा को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा।
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