जयपुर , नवम्बर 12 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि राज्य में आमजन एवं किसानों तक जल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार पूर्ण प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
श्री शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में जल संसाधन विभाग, सिंचित क्षेत्रीय विकास विभाग एवं इंदिरा गांधी नहर विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी पेयजल एवं सिंचाई संबंधी परियोजनाओं एवं विकास कार्यों को कार्ययोजना के अनुरूप नियमित निगरानी के माध्यम से पूर्ण करें।
श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो बजट में आमजन एवं किसानों के लिए पेयजल एवं सिंचाई की सुविधा सुनिश्चित करने के संबंध में महत्वपूर्ण सौगातें दीं। उन्होंने इस संबंध में बजट घोषणाओं की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को कार्यों में गति लाने के निर्देश दिये।
श्री शर्मा ने कहा कि रामजल सेतु लिंक परियोजना के माध्यम से राज्य की बड़ी आबादी को निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित होगी। इस परियोजना में चरणबद्ध रूप से होने वाले कार्यों को कार्ययोजना के अनुरूप पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ कार्य करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अन्य पेयजल विकास कार्यों की भी निरंतर निगरानी की जाए।
श्री शर्मा ने कहा कि सीकर, चूरू, झुंझुनूं को यमुना जल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने इस संबंध में कार्ययोजना में प्रगति लाने के विशेष दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना के विभिन्न विकास कार्यों को समय सीमा में गुणवत्तापूर्वक पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि गंगनहर निर्माण के दिसंबर में 100 वर्ष पूर्ण होने जा रहे हैं। इस उपलक्ष्य में इस नहर के अधिक विकास के लिए कार्ययोजना बनाई जाए, जिससे इसका लाभ अधिक लोगों तक पहुंच सके।
श्री शर्मा ने बैठक में देवास तृतीय एवं चतुर्थ परियोजना, ऊपरी उच्च स्तरीय नहर परियोजना, राजस्थान जल क्षेत्र आजीविका सुधार परियोजना, बांध पुनर्वास एवं सुधार परियोजना, परवन वृहद बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना, कालीतीर लिफ्ट परियोजना, धौलपुर लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना, पम्प भंडारण परियोजनाओं सहित विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि परियोजनाओं से जुड़ी वन एवं पर्यावरण से संबंधित स्वीकृति एवं अन्य जरूरी निर्गम के कार्यों में तेजी लाई जाए। उन्होंने विभिन्न लंबित बजटीय घोषणाओं से जुड़ी निविदा, कार्यादेश और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने संबंधी कार्यों को तीव्र गति से पूरा करने के लिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश प्रदान किए।
बैठक में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत सहित जल संसाधन विभाग और मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।
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