चंडीगढ़ , नवंबर 21 -- शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने शुक्रवार को कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा पार्टी आईटी विंग के प्रमुख नशत्तर सिंह गिल को अंतरिम जमानत देने का फैसला आम आदमी पार्टी (आप) के मुंह पर तमाचा है, जिसने अकाली नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने के लिए पुलिस का दुरुपयोग किया था। न्यायालय ने गिल की गिरफ्तारी को अनुचित और अवैध करार दिया है।
शुक्रवार को यहाँ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, पार्टी के लीगल सेल प्रमुख अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि पंजाब पुलिस भी अदालत में बेनकाब हो गई है। "हालांकि नशत्तर गिल को 15 नवंबर को दोपहर 3.45 बजे गिरफ्तार किया गया था, जबकि मामले में एफआईआर उसी दिन शाम 6.30 बजे दर्ज की गई थी, फिर भी राज्य सरकार ने अदालत में दावा किया कि गिरफ्तारी शाम छह बजे हुई थी। इस दलील से भी आप सरकार अपनी बात साबित नहीं कर पाई क्योंकि वह यह नहीं बता पाई कि मामले में एफआईआर दर्ज होने से पहले आईटी विंग प्रमुख को क्यों गिरफ्तार किया गया।"श्री कलेर ने कहा कि नशत्तर गिल के खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है। यह मामला तरनतारन में चुनाव प्रचार के दौरान हुई एक घटना से जुड़ा है, जिसमें दो पुलिसकर्मी अपनी गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर अकाली दल उम्मीदवार की बेटी कंचनप्रीत कौर का पीछा करते पाए गए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने भी पंजाब पुलिस की इस हरकत के लिए कड़ी आलोचना की थी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल को इस मामले के साथ-साथ झूठे मामले दर्ज करने और अकाली कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में रखने से जुड़े अन्य मामलों में निलंबित कर दिया था।
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