बारां , अक्टूबर 15 -- राजस्थान में आगामी 11 नवंबर को होने वाले बारां जिले के अंता विधानसभा उपचुनाव के गतिविधियां तेज होने लगी हैं और गत देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में एसडीएम थप्पड़ कांड के बाद सूर्खियों में रहे निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा के चुनाव मैदान में उतर जाने से इस उपचुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय एवं रोचक होने की संभावना हैं वहीं इस सीट पर अब तक हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दल दो-दो बार चुनाव जीतकर बराबर पर हैं।
वर्ष 2008 में अस्तित्व में आई अंता विधानसभा सीट पर पहली बार उपचुनाव हो रहे हैं और इसके लिए कांग्रेस ने सबसे पहले अपने उम्मीदवार का ऐलान किया और उसके प्रत्याशी एवं पूर्व मंत्री प्रमोद कुमार जैन भाया ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया हैं। हालांकि सत्तारुढ़ भाजपा ने अभी अपना प्रत्याशी तय नहीं किया हैं। नामांकन पत्र 21 अक्टूबर तक भरे जा सकेंगे और इस दौरान भाजपा भी अपने उम्मीदवार का ऐलान कर देगी लेकिन इस उपचुनाव में निर्दलीय नरेश मीणा के चुनाव मैदान में कूद जाने पर मुकाबला त्रिकोणीय बनने की काफी संभावना बढ़ गई हैं।
श्री मीणा वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव छबड़ा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लड़ा और वह करीब 44 हजार मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे। उन्होंने इतने मत लेकर सबका ध्यान अपनी और खींचा लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद देवली-उनियारा से विधायक हरीश मीणा के सांसद चुने जाने के बाद खाली हुई सीट पर गत वर्ष नवम्बर में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव हुए जिसमें कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर श्री नरेश मीणा निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव मैदान में ताल ठोक दी और चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कस्तूरचंद मीना को पछाड़ते हुए दूसरे स्थान पर पहुंच गये। इस उपचुनाव में श्री नरेश मीणा को लगभग 60 हजार मत मिले जबकि श्री कस्तूर चंद मीना 31 हजार 385 मत ही हासिल कर पाये। इसका पूरा फायदा भाजपा प्रत्याशी राजेन्द्र गुर्जर को मिला और वह चुनाव जीत गए।
श्री नरेश मीणा को इस उपचुनाव के मतदान के दौरान एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में जेल भी जाना पड़ा और अब वह अंता विधानसभा उपचुनाव के मैदान में ताल ठोक दी हैं। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल उपचुनाव में अपनी अपनी जीत के अभी से दावे कर रहे हैं लेकिन दो लाख 27 हजार से अधिक मतदाताओं वाले अंता विधानसभा क्षेत्र में लगभग 35 हजार मीणा समाज के मतदाता बताये जा रहे हैं और सबसे अधिक करीब 40 हजार मत माली समाज के हैं। श्री नरेश मीणा के चुनाव मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय बनने की संभावना हैं।
उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के पक्ष में चुनाव प्रचार शुरु कर दिया हैं और बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई कांग्रेस के नेता पार्टी प्रत्याशी प्रमोद कुमार भाया की चुनाव रैली में शामिल हुए। वर्ष 2003 के बारां विधानसभा चुनाव में पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गये श्री भाया तीन बार विधायक रह चुके हैं और वह मंत्री भी रहे हैं।
अंता विधानसभा क्षेत्र में अब तक चार विधानसभा चुनाव हुए हैं जिनमें वर्ष 2008 में कांग्रेस प्रत्याशी श्री भाया चुनाव जीते जबकि वर्ष 2013 का चुनाव भाजपा के प्रभुलाल सैनी ने जीता। श्री सैनी भी मंत्री रहे हैं। इसके बाद हुए वर्ष 2018 का चुनाव फिर कांग्रेस के टिकट पर श्री भाया ने जीता और वर्ष 2023 के चुनाव में भाजपा ने अपना प्रत्याशी बदल लिया लेकिन कांग्रेस ने श्री भाया पर ही चुनावी दांव खेला लेकिन श्री भाया भाजपा के उम्मीदवार कंवर लाल मीणा के सामने करीब छह हजार मतों से चुनाव हार गए। अंता विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस और भाजपा का ही दबदबा रहा है और अन्य दल को जनता ने कोई तरजीह नहीं दी हैं। हालांकि वर्ष 2008 में बहुजन समाज पार्टी के रामसागर नागर ने प्रयास किया लेकिन वह 4228 मत ही ले पाये।
उल्लेखनीय है कि श्री कंवरलाल मीणा को एक मामले में सजा होने के बाद गत मई में उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी गई। इस कारण यह उपचुनाव कराया जा रहा हैं।
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