जयपुर , दिसम्बर 08 -- राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नयी श्रम संहिताओं को श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव बताते हुए कहा हैं कि इनके माध्यम से मजदूर और कारोबार के हितों की सुरक्षा होगी और देश-प्रदेश के अनुकूल औद्योगिक वातावरण में वृद्धि होगी।
श्री शर्मा सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में नवीन श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई श्रम संहिताओं के अनुसार सभी श्रमिकों को नियुक्ति पत्र जारी करने की अनिवार्यता की गई है , जिससे श्रमिकों को औपचारिक रोजगार सुनिश्चित होगा। साथ ही, उनकी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के संबंध में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इससे वेतन समानीकरण और समयबद्ध वेतन भुगतान के प्रावधानों से श्रमिकों की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन संहिताओं से नियोक्ताओं और श्रमिकों दोनों के हित सुरक्षित होंगे। उन्होंने कहा कि श्रम शक्ति में महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इन संहिताओं में महिलाओं की सहमति से उन्हें रात्रिकालीन पारी में कार्य करने के साथ ही खतरनाक प्रक्रिया के कार्यों में काम करने की अनुमति दी गई है। इससे महिलाओं के लिए उच्च वेतन वाले रोजगार प्राप्त करने के अवसरों में वृद्धि होगी।
श्री शर्मा ने अधिकारियों को श्रमिक कल्याण से संबंधित योजनाओं में अपेक्षित सुधार के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि योजनाओं का क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाए, ताकि श्रमिकों का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तीकरण सुनिश्चित हो।
प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार द्वारा चार नई श्रम संहिताओं - मजदूरी संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य परिस्थिति संहिता में 29 श्रम कानूनों को समाहित किया गया है। केन्द्र सरकार की इन नयी श्रम संहिताओं के प्रारूप नियमों के पुनः प्रकाशन होने पर राज्य सरकार द्वारा पुनः नियम प्रकाषित कर सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की जायेगी। इस दौरान मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास सहित संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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