नयी दिल्ली , दिसम्बर 19 -- तेज गति से चलने वाले नयी पीढी के समुद्रीपोतों की श्रृंखला के तीसरे गश्ती पोत 'अमूल्य' को शुक्रवार को गोवा में भारतीय तटरक्षक बेड़े में शामिल हो गया। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित 51 मीटर लंबा यह पोत देश में पोत निर्माण में नया मानदंड स्थापित करता है। इसके 60 प्रतिशत से अधिक कलपुर्जे देश में ही बनाए गये हैं। अमूल्य अर्थात् अनमोल नाम का यह पोत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक-इन-इंडिया पहल के तहत रक्षा क्षेत्र में भारत की निरंतर प्रगति को दर्शाता है। आधुनिक डिजाइन पद्धति पर आधारित यह पोत दक्षता, स्थायित्व और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता से लैस है। तीन हजार किलोवाट के दो उन्नत डीजल इंजनों से संचालित यह पोत 27 समुद्री मील प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकता है और इसकी परिचालन क्षमता 1,500 समुद्री मील की है। इससे भारत के समुद्री क्षेत्रों में लंबे अभियान को अंजाम देना संभव हो पाएगा। यह पोत स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हथियारों और प्रणालियों से सुसज्जित होने के साथ साथ बेहतर गतिशीलता, परिचालन अनुकूलता और समुद्र में उन्नत प्रदर्शन करने में सक्षम है। यह निगरानी, खोज एवं बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण नियंत्रण सहित कई अभियानों को अंजाम देगा और पूर्वी तट की सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक को सुदृढ़ बनाएगा।

भारतीय तटरक्षक अमूल्य को ओडिशा के पारादीप में तैनात करेगा और यह तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पूर्व) कमान के प्रशासनिक और परिचालन नियंत्रण में काम करेगा। इस पोत की कमान कमांडेंट अनुपम सिंह को सौंपी गई है, जिसमें पांच अधिकारी और 34 कर्मी शामिल हैं।

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