नैनीताल, सितंबर 25 -- उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नन्ही परी हत्याकांड में फांसी की सजा प्राप्त अख्तर अली को शीर्ष अदालत से बरी किये जाने के बाद उनके अधिवक्ता को सोशल मीडिया में धमकी दिए जाने के मामले में गुरुवार को सुनवाई की।
साइबर अपराध के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) नीलेश आनन्द भरणे अदालत में पेश हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि अधिवक्ता के खिलाफ सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट करने पर सोशल मीडिया साइट टि्वटर को नोटिस भेजा गया है।
नैनीताल के एसएसपी पीएन मीणा की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि अधिवक्ता को सुरक्षा मुहैय्या करा दी गई है । अदालत ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश जी0 नरेंदर व न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खण्डपीठ में हुई।
अधिवक्ताओं की शिकायत का दो दिन पूर्व संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायधीश जी नरेंदर की अगुवाई वाली पीठ ने व ने एस एस पी नैनीताल को उक्त अधिवक्ता व उनके परिवार जनों को सुरक्षा मुहैय्या कराने के आदेश दिए थे।
कोर्ट ने आईजी साइबर क्राइम को आदेश दिया था कि वे सोशल मीडिया से भड़काऊ पोस्ट को डिलिट कराएं। अगर कोई ऐसा करने से मना करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई करें। कोर्ट ने अधिवक्ता के खिलाफ मुहिम चलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा है।
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