देहरादून, सितम्बर 30 -- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद में गत अठारह सितम्बर को अपने सिपाही दोस्त की कार लेकर घूमने निकले एक युवक के कार सहित लापता होने और फिर दो दिन बाद नदी से कार तथा 28 सितम्बर को युवक का शव नदी से ही बरामद होने पर राजनीति शुरू हो गई है।

युवक को स्वतंत्र पत्रकार बताते हुए मंगलवार को कांग्रेस के कुछ स्थानीय नेताओं ने उसकी मौत को षड्यंत्र करार दिया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देर रात सोशल साइट्स एक्स पर लिखा, "उत्तराखंड के युवा पत्रकार राजीव प्रताप जी का लापता होना और फिर मृत पाया जाना सिर्फ़ दुखद नहीं, भयावह है। इस मुश्किल वक्त में शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और उनके साथ खड़ा हूं।" उन्होंने आगे लिखा, "भाजपा राज में आज ईमानदार पत्रकारिता भय और असुरक्षा के साये में जी रही है। जो सच लिखते हैं, जनता के लिए आवाज़ उठाते हैं, सत्ता से सवाल पूछते हैं - उन्हें धमकियों और हिंसा से चुप कराने की कोशिश की जा रही है। राजीव जी के साथ हुआ पूरा घटनाक्रम ऐसे ही षड़यंत्र की ओर इशारा करता है। राजीव जी की मृत्यु की अविलंब निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए और पीड़ित परिवार को बिना देरी न्याय मिलना चाहिए।"देहरादून के अजबपुर कला निवासी युवक राजीव की मौत प्रकरण में श्री गांधी के ट्वीट के बाद, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दीपम सेठ ने कहा कि 19 सितंबर को उत्तरकाशी में राजीव प्रताप सिंह के लापता होने की खबर मिली, जो 18 सितंबर की रात से लापता थे। पुलिस ने तुरंत खोज अभियान शुरू किया और सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग मिले। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीमों ने भी खोज में भाग लिया। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को राजीव प्रताप सिंह की कार भागीरथी नदी में क्षतिग्रस्त हालत में मिली। परिवार ने अपहरण की आशंका जताई, जिसके बाद एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू हुई।

श्री सेठ ने बताया कि 28 सितंबर को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीमों ने एक शव बरामद किया, जिसकी पहचान राजीव प्रताप सिंह के रूप में हुई। पोस्टमार्टम किया गया और रिपोर्ट पुलिस को सौंपी गई। आगे की जांच जारी है।

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