नयी दिल्ली, सितम्बर 26 -- जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा है कि जन समुदायों को बनाए रखने और देश के सांस्कृतिक लोकाचार को आकार देने के लिए नदियों की महत्ता हमेशा रही है लेकिन आज नदियों पर संकट है इसलिए उन्हें बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।
श्री पाटिल ने शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित नदी उत्सव के 6वें संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भावी पीढ़ियों के लिए नदियों का संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है। उनका कहना था कि भारत नदियों की भूमि है और दुनिया की बेहतरीन गंगा नदी इसी धरती पर बहती है इसलिए हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी नदियों को प्रदूषित न करें। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक तीन स्तरों पर काम चल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नदियां केवल संसाधन ही नहीं बल्कि हमारी भावनाओं और संस्कृति की धारा भी हैं। मानवीय कारणों से नदियों को बहुत नुकसान हुआ है इसलिए नदियों का संरक्षण हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है।
उद्घाटन समारोह में इस्कॉन के आध्यात्मिक गुरु गौरांग दास, साध्वी विशुद्धानंद भारती ठाकुर, कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय और सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी सहित कई प्रमुख लोग मौजूद थे।
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