हरिद्वार , नवम्बर 14 -- उत्तराखंड में हरिद्वार के नगर निगम में अभिलेखों में अनियमितता और कार्यप्रणाली में लापरवाही सामने आने पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी नगर आयुक्त नंदन कुमार ने शुक्रवार को त्वरित कार्रवाई करते हुए वार्ड संख्या 35 के कार्यवाहक सुपरवाइज़र को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। नगर आयुक्त के निर्देश पर की गई औचक जांच में कई गंभीर खामियां उजागर हुईं।

निरीक्षण टीम के अनुसार, वार्ड में तैनात दो महिला कर्मचारी मौके से अनुपस्थित मिलीं, जबकि सुपरवाइज़र द्वारा उन्हें लगातार कार्यरत दर्शाया जा रहा था। कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी भी संदिग्ध पाई गई, जिसमें चार-पांच दिन बाद प्रविष्टियाँ की गई थीं। उपस्थिति पत्रक में कटिंग, ओवरराइटिंग, गलत प्रविष्टियाँ तथा आवश्यक प्रमाणीकरण का अभाव साफ तौर पर अभिलेखों में हेरफेर की ओर संकेत करता है।

टीम द्वारा जब अनुपस्थित महिला कर्मचारियों के बारे में पूछताछ की गई, तो सुपरवाइज़र उन्हें अवकाश पर बताता रहा, जबकि रिकॉर्ड में उन्हें लगातार उपस्थित दिखाया गया था। इन तथ्यों को गंभीर कदाचार मानते हुए नगर निगम प्रशासन ने जांच रिपोर्ट के आधार पर सुपरवाइज़र के निलंबन का आदेश जारी कर दिया।

नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि नगर निगम में अनुशासनहीनता, फर्जी रिकॉर्ड तैयार करने या लापरवाही के लिए किसी भी स्तर पर जगह नहीं है। उन्होंने सभी कर्मचारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि दायित्वों के निर्वहन में पारदर्शिता और निष्ठा सर्वोपरि है, और नियमविरुद्ध आचरण पाए जाने पर इसी प्रकार कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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