नयी दिल्ली , अक्टूबर 03 -- दिल्ली पुलिस की आईजीआई एयरपोर्ट यूनिट ने लंबे समय से फरार चल रहे एजेंट गुरअमृतपाल सिंह मुल्तानी उर्फ पाली (54) को गिरफ़्तार कर लिया है। आरोपी 2019 से फरार चल रहा था।

पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ वर्ष 2019 में मामला दर्ज हुआ था और वह अब कनाडा का स्थायी निवासी है। उस पर इसी तरह के सात मामलों में संलिप्त होने के आरोप हैं।

पुलिस उपायुक्त विचित्र वीर ने शुक्रवार को बताया कि गुरअमृतपाल सिंह मुल्तानी ने दावा किया है कि वह कॉलेज के समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी खेल चुका है। 1995 में परिवार सहित कनाडा चला गया और वर्ष 1999 में उसे कनाडा की पीआर मिल गई लेकिन ज्यादा पैंसा कमाने के लालच में उसने एजेंटों से संपर्क कर फर्जी दस्तावेज़ बनवाकर लोगों को विदेश भेजना शुरू कर दिया। उसने गुरु नानक देव विश्वविद्यालय, पंजाब की टीम से भारत स्तर पर और कनाडा में हैमिल्टन पंजाब स्पोर्ट्स क्लब से 1996-97 में कबड्डी खेली थी।

गौरतलब है कि 27 सितंबर 2019 को इमिग्रेशन, आईजीआई एयरपोर्ट ने शिकायत दर्ज कराई थी कि नौ भारतीय यात्रियों को इथियोपिया से वापस भेजा गया, क्योंकि उनके पास जो निरंतर निर्वहन प्रमाणपत्र (सीडीसी) था, वह सरकार-ए-समोआ द्वारा जारी नहीं किया गया था। समोआ सरकार ने इसकी पुष्टि की थी कि ये सभी सीडीसी फर्जी हैं। इसी आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

जांच के दौरान दो यात्रियों ने बताया कि उन्हें यह फर्जी दस्तावेज़ गुरअमृतपाल सिंह मुल्तानी ने 20-20 लाख रुपये लेकर दिलवाया था।

पुलिस की टीम ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि आरोपी कनाडा में रह रहा है। जैसे ही वह भारत लौटा, उसे अहमदाबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने जुर्म स्वीकार किया।

रिकॉर्ड की जांच में पाया गया कि आरोपी सात मामलों में संलिप्त रहा है ।

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