चंडीगढ़ , नवंबर 22 -- ) हरियाणा के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने शनिवार को नकली दवाइयों और एनडीपीएस से जुड़े मामलों पर देश का पहला अंतरराज्यीय संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसमें सात राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर, अपराध जांच विभाग (सीआईडी) और पुलिस विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

यहां जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य पड़ोसी राज्यों के बीच समन्वय बढ़ाते हुए नकली/जाली दवाओं की रोकथाम और दवाओं के दुरुपयोग पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना था। इसमें जानकारी साझा करने, संयुक्त कार्रवाई और प्रवर्तन अधिकारियों के प्रशिक्षण को प्रमुख विषय बनाया गया।

कार्यक्रम का उद्घाटन हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने किया। इस दौरान एफडीए हरियाणा के आयुक्त डॉ. मनोज कुमार, राज्य औषधि नियंत्रक ललित कुमार गोयल सहित विभिन्न जिलों के अधिकारी मौजूद रहे।

डॉ. कुमार ने राज्यों के बीच सहयोग को अनिवार्य बताते हुए एनडीपीएस मामलों में एफडीए हरियाणा की उपलब्धियों का उल्लेख किया। उन्होंने भारत फार्मास्यूटिकल एलायंस द्वारा तैयार किए जा रहे राष्ट्रीय डेटाबेस और फॉरेंसिक विज्ञान की भूमिका पर प्रकाश डाला।

वहीं, सुधीर राजपाल ने कहा कि नकली दवाइयों और ड्रग्स तस्करी का मुद्दा किसी एक राज्य तक सीमित नहीं, बल्कि साझा चुनौती है, जिसके लिए डेटा साझेदारी और पारदर्शी समन्वय बेहद जरूरी है।

संगोष्ठी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. केशव कुमार, महाराष्ट्र के पूर्व संयुक्त आयुक्त ओ. एस. सधवानी, तथा हरियाणा के राज्य औषधि नियंत्रक ललित गोयल ने भी विचार व्यक्त किये।

हिमाचल प्रदेश के राज्य औषधि नियंत्रक मनीष कपूर ने पैनल चर्चा का संचालन किया।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित