मुंबई , दिसंबर 05 -- देश के बैंकिंग तंत्र में नकदी प्रवाह (तरलता) बढ़ाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) दिसंबर में एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूति खरीदेगा।
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की शुक्रवार को समाप्त तीन दिवसीय द्विमासिक बैठक के बाद उसके फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय बैंक प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "तरलता की स्थिति और परिदृश्य की समीक्षा के बाद हमने खुले बाजार की गतिविधि (ओएमओ) के तहत इस महीने (दिसंबर में) एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी प्रतिभूति खरीदने का फैसला किया है।"उन्होंने बताया कि इसके अलावा तीन साल के लिए पांच अरब डॉलर मूल्य के डॉलर/रुपया खरीद-बिक्री स्वैप का भी फैसला किया गया है जिसके बारे में विस्तृत जानकारी बाद में दी जायेगी।
अमेरिकी डॉलर/रुपया खरीद-बिक्री स्वैप का आशय है कि केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों से पांच अरब अमेरिकी डॉलर खरीदेगा ताकि बैंकिंग तंत्र में रुपये का प्रवाह बढ़ सके।
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